उत्तर प्रदेश: भाजपा के साथ उतरी निषाद पार्टी कितनी कामयाब होगी
The Wire
बीते कुछ चुनावों में अपनी जीत से सबको चौंका चुकी निषाद पार्टी को भाजपा ने पिछले चुनाव में हारी हुई नौ सीटों को जिताने की ज़िम्मेदारी दी है. गठबंधन में निषाद पार्टी को मिली 16 सीटों में से छह पर प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिह्न पर जबकि 10 प्रत्याशी निषाद पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहे हैं.
लखनऊ: छह वर्ष में धूमकेतु की उभरने वाली निषाद पार्टी (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) इस चुनाव में तीनतरफा घिरी है. सहयोगी भाजपा ने उसे चुनाव लड़ने के लिए कड़ी जमीन दे दी है, तो दूसरी तरफ सपा, बसपा, कांग्रेस ने अधिक संख्या में निषाद उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारकर निषाद वोटों को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है.
तीसरी तरफ उत्तर प्रदेश (यूपी) की राजनीति में निषाद पार्टी की दावेदारी कर रही विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), प्रगतिशील मानव समाज पार्टी और सर्वहारा विकास पार्टी अपने-अपने तरीके से निषाद पार्टी की फसल को काटने की कोशिश कर रहे हैं. देखना है कि निषाद पार्टी की थाली (चुनाव चिह्न भोजन भरी थाली) कितनी भरती है और कितनी खाली रहती है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगी निषाद पार्टी को पिछले चुनाव में हारी हुई नौ सीटों को जिताने की जिम्मेदारी डाल दी है. गठबंधन में निषाद पार्टी को मिली 16 सीटों में से छह पर प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिह्न पर कमल का फूल पर लड़ रहे हैं जबकि 10 सीटों के प्रत्याशी निषाद पार्टी के चुनाव भोजन भरी थाली पर चुनाव लड़ रहे हैं.
निषाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. संजय कुमार निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर के चौरीचौरा सीट पर भाजपा के चुनाव चिह्न से ही लड़ रहे हैं.