उत्तर प्रदेश चुनाव: बीजेपी के लिए निषाद समाज का साथ क्यों ज़रूरी है?
BBC
बीजेपी ने शुक्रवार को लखनऊ में 'निषाद पार्टी' के साथ एक संयुक्त रैली की. अमित शाह ने इस रैली में आश्वासन दिया कि अगर बीजेपी की सरकार दोबारा बनती है तो निषाद समुदाय के एजेंडे को पूरा किया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 'निषाद पार्टी' के साथ एक संयुक्त रैली का आयोजन किया.
लखनऊ के रमाबाई मैदान में हुई इस रैली की ख़ास बात ये थी कि इसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के बड़े नेता शामिल हुए.
इस महारैली की होर्डिंग में एक ओर बीजेपी के तमाम नेता दिख रहे थे, तो वहीं दूसरे सिरे पर डॉ संजय निषाद की तस्वीर थी.
अमित शाह ने इस रैली में आश्वासन दिया है कि अगर बीजेपी की सरकार दोबारा बनती तो निषाद समुदाय के एजेंडे को पूरा किया जाएगा.
लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस रैली में निषाद समुदाय अपेक्षा कर रहा था कि अमित शाह निषाद समुदाय की अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग को स्वीकार करेंगे. ऐसा नहीं हुआ. और इसकी नाराज़गी दूर-दूर से उम्मीद लगाकर आए लोगों के बयानों में दिखाई दी.