
उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और गांवों में चिकित्सा व्यवस्था ‘राम भरोसे’: इलाहाबाद हाईकोर्ट
The Wire
मेरठ ज़िला अस्पताल में भर्ती एक मरीज़ की मौत के बाद शव का निस्तारण ‘अज्ञात’ में कर देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उत्तर प्रदेश इसके लिए तैयार है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में मेरठ के जिला अस्पताल से एक मरीज के ‘लापता’ होने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीते सोमवार को तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि मेरठ जैसे शहर के मेडिकल कॉलेज में इलाज का यह हाल है तो छोटे शहरों और गांवों के संबंध में राज्य की संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे ही कही जा सकती है. The Allahabad HC says no hesitation in observing thathealth infrastructure is absolutely insufficient in city (Bahraich, Barabanki, Bijnor, Jaunpur&Shravasti) areas to meet the requirement of the city population. #Covid19 pic.twitter.com/A7vMXDja3j इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा, ‘कोई भी यह अनुमान लगा सकता है कि हम राज्य के लोगों को किस ओर ले जा रहे हैं, जैसे कि महामारी की तीसरी लहर.’ HC: In Bijnor the urban population as per 2011 census is shown to be 925312. We have no doubt in observing that it must have gone up 25% more by 2021, but to our utter surprise, there is no level-3 hospital in district Bijnor. pic.twitter.com/fXFEPq66Nl जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की पीठ ने राज्य में कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. — The Leaflet (@TheLeaflet_in) May 17, 2021 उत्तर प्रदेश सरकार से जांच बढ़ाने पर जोर देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, ‘अगर हम जल्द से जल्द कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान करने में असफल रहेंगे तो हम निश्चित तौर पर तीसरी लहर को आमंत्रित कर रहे हैं.’ — The Leaflet (@TheLeaflet_in) May 17, 2021 64 वर्षीय मरीज संतोष कुमार बीते 21 अप्रैल को मेरठ जिला अस्पताल से कथित तौर पर लापता हो गए थे और उनके परिजनों का कहना है कि अधिकारियों ने उनके शव का अज्ञात में निस्तारण कर दिया गया. इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार की तीन सदस्यीय कमेटी ने कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है. अदालत में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक 21 अप्रैल को शाम 7-8 बजे 64 वर्षीय एक मरीज (संतोष कुमार) शौचालय गए थे, जहां वह बेहोश होकर गिर गए. जूनियर डॉक्टर तुलिका उस समय रात्रि ड्यूटी पर थीं.More Related News