उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद में गंगा किनारे दफन शवों से चुनरी हटाने के मामले में जांच के आदेश
The Wire
बीते 25 मई को विभिन्न न्यूज़ चैनलों एवं सोशल मीडिया पर प्रसारित ख़बरों तथा वीडियो क्लिप में यह दर्शाया गया है कि इलाहाबाद में गंगा किनारे दफन किए शवों के ऊपर लगाए गए चुनरी/कपड़े कुछ लोगों द्वारा हटाए जा रहे हैं, ताकि ऊंचाई से तस्वीर लेने पर ये दिखाई न पड़ें. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच दाह संस्कार का ख़र्च बढ़ जाने से परिजनों को शव गंगा किनारे दफ़न करना पड़ रहा है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में गंगा किनारे रेत में दफन शवों पर से चुनरी और लकड़ियां हटाने के मामले में जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. जीते जी ढंग से इलाज नहीं मिला। कितनों को सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं मिला। सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली। अब कब्रों से रामनामी भी छीनी जा रही है। बीते 25 मई को जिलाधिकारी कार्यालय से जारी आदेश के मुताबिक, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) और अपर पुलिस अधीक्षक (गंगापार) की सदस्यता में एक समिति का गठन किया गया है, जो मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी. छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है। ये कौन सा सफाई अभियान है? उन्होंने कहा, ‘दिनांक 25/05/2021 को विभिन्न न्यूज चैनलों एवं सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो क्लिप में यह दर्शाया गया है कि (इलाहाबाद के) श्रृंगवेरपुर घाट पर कुछ व्यक्तियों द्वारा वहां दफन किए शवों के ऊपर से चादर/कपड़े हटाए जा रहे हैं. यह प्रकरण अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील प्रकृति का है, जिसके दृष्टिगत इस प्रकरण के सभी पहलुओं की विस्तृत जांच हेतु एक द्विसदस्यीय समिति का गठन किया गया है.’ ये अनादर है-मृतक का, धर्म का, मानवता का pic.twitter.com/PHC1fyMKCL जिलाधिकारी कार्यालय के आदेश में आगे कहा गया, ‘यह द्विसदस्यीय समिति उक्त प्रकरण में यह भी देखेगी कि ऐसे अति संवेदनशील प्रकरण में किन तत्वों द्वारा इस प्रकार का कृत्य किया गया है और उनकी मंशा क्या है. साथ ही यह समिति दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध समुचित विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराते हुए अपनी संयुक्त जांच रिपोर्ट यथाशीघ्र प्रस्तुत करेगी.’ — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 25, 2021More Related News