![उत्तर कोरिया में ड्रग, आतंक और हथियारों की कहानी, एक कर्नल की ज़ुबानी](https://ichef.bbci.co.uk/news/1024/branded_hindi/809A/production/_121022923_3.jpg)
उत्तर कोरिया में ड्रग, आतंक और हथियारों की कहानी, एक कर्नल की ज़ुबानी
BBC
तीस सालों तक उत्तर कोरिया की शक्तिशाली जासूसी एजेंसी में बतौर वरिष्ठ अधिकारी काम करने वाले कर्नल किम कुक-सोंग ने अपनी कहानी ख़ास तौर पर बीबीसी को बताई है.
किम कुक सोंग की पुरानी आदतें गई नहीं हैं. उनसे इंटरव्यू के लिए एक सप्ताह तक बातचीत चली, और वो अभी भी इस बात से परेशान हैं कि उन्हें कौन सुन रहा होगा. कैमरे के सामने उन्होंने काला चश्मा पहना और हमारी पूरी टीम में केवल दो लोगों को लगता है कि उन्हें इनका असली नाम पता है.
बात हो रही है किम कुक-सोंग की जिन्होंने 30 सालों तक उत्तर कोरिया की शक्तिशाली जासूसी एजेंसी में बतौर वरिष्ठ अधिकारी काम किया.
वे कहते हैं, "ये एजेंसी सुप्रीम लीडर की आंख, कान और दिमाग थी."
वो दावा करते हैं कि उन्होंने रहस्यों को छिपाया, आलोचकों की हत्या के लिए हत्यारों को भेजा और ग़ैरक़ानूनी ड्रग्स लैब बनाई ताकि ज़्यादा पैसे कमाए जाएं.
अब पूर्व वरिष्ठ कर्नल किम कुक-सोंग ने तय किया है कि वह अपनी कहानी बीबीसी को बताएंगे. ये पहली बार है कि उत्तर कोरिया के इतने वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने किसी बड़े प्रसारक को इंटरव्यू दिया है. किम कुक-सोंग बताते हैं कि वो 'बेहद चहेते' और ईमानदार कम्यूनिस्ट सेवक थे.