
उत्तराखंड: विपक्ष, पूर्व अफ़सरों ने राज्यपाल को लिखा- सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के प्रयास रोकें
The Wire
उत्तराखंड के विपक्षी नेताओं, सौ से अधिक पूर्व सेना, पुलिस और प्रशासनिक अफसरों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) गुरमीत सिंह को एक ज्ञापन भेजकर उनसे 'राज्य में हो रही हिंसक गतिविधियों और देश विरोधी कार्यों' पर रोक लगाने की गुज़ारिश की है.
नई दिल्ली: उत्तराखंड में हुई धर्म संसद और हिंसा के आह्वान के खिलाफ देशभर के कई समूहों, नागरिक संगठनों ने विरोध के स्वर उठाए हैं. प्रवासी भारतीयों और कई शैक्षणिक संस्थानों ने इसे लेकर प्रधानमंत्री को भी लिखा है.
इसी कड़ी में उत्तराखंड के विपक्षी नेताओं, सौ से अधिक पूर्व सेना, पुलिस और प्रशासनिक अफसरों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत 130 से अधिक लोगों ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) गुरमीत सिंह को एक ज्ञापन भेजकर उनसे ‘राज्य में हो रही हिंसक गतिविधियों और देश विरोधी कार्यों’ पर रोक लगाने की गुजारिश की है.
उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में 17-19 दिसंबर के बीच हिंदुत्ववादी नेताओं और कट्टरपंथियों द्वारा आयोजित ‘धर्म संसद’ में कथित तौर पर मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों को ख़िलाफ़ खुलकर नफ़रत भरे भाषण दिए गए, यहां तक कि उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया.
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हिंदू धार्मिक नेताओं, दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और हिंदुत्व संगठनों ने हिस्सा लिया था. भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय भी इस आयोजन शामिल हुए थे, जिन्हें पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम के आयोजन में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. इस कार्यक्रम में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करते हुए नारेबाजी की गई थी. भाजपा महिला मोर्चा की नेता उदिता त्यागी भी यहां मौजूद थी.