
उत्तराखंड में यशपाल आर्य की घर वापसी- क्या बीजेपी के होश उड़ाएगी?
The Quint
yashpal arya/यशपाल आर्य साल 2016 में मुंख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बागवत करके बीजेपी में आए थे, वह फिलहाल उत्तराखंड सरकार में मंत्री थे.
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को करारा झटका मिला है. राज्य के कैबिनेट मंत्री और सीनियर दलित नेता यशपाल आर्य (Yashpal Arya) अपने बेटे सहित कांग्रेस (Congress) पार्टी में शामिल हो गए हैं. उनके बेटे संजीव आर्य (Sanjiv Arya) नैनीताल से विधायक हैं.कहीं ऐसा न हो कि 2016 के दूसरे बागी कांग्रेसी नेता भी बीजेपी से किनारा करके, घर वापसी कर लें.ADVERTISEMENTकई नेताओं की घर वापसी का खुल सकता है रास्ताउत्तराखंड में विधानसभा चुनावों से ऐन पहले आर्य का बीजेपी छोड़ना कोई छोटा मोटा इत्तेफाक नहीं है. यह कांग्रेस के दूसरे नेताओं जैसे हरक सिंह रावत, उमेश कुमार काऊ वगैरह के लिए भी ‘घर वापसी’ का रास्ता खोलता है. इन नेताओं ने 2016 में मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत की थी. और, अगर इन नेताओं की ‘घर वापसी’ होती है तो आने वाले दिनों में राज्य में बीजेपी के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. 2017 में बीजेपी ने इस हिमालयी राज्य पर फतह की थी.आर्य तीन बार से विधायक हैं और बीजेपी सरकार में परिवहन मंत्री थे. 2016 में जब कांग्रेसी नेताओं ने बगावत की तो आर्य वह आखिरी नेता थे जो अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे.दिलचस्प यह है कि आर्य वह पहले नेता हैं जिन्होंने कांग्रेस में वापसी की है और यह उनके फैसले के बारे में बहुत कुछ बताता है.दिल्ली में एआईसीसी के दफ्तर में आर्य और उनका बेटा हरीश रावत की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए. इस छोटी सी सेरमनी में दूसरे सीनियर कांग्रेसी नेता भी मौजूद थे, जैसे कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और उत्तराखंड के इन चार्ज देवेंदर यादव.आर्य ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को, अपना सबसे ज्यादा खुशी वाला पल बताया. उ्न्होंने कहा किआज मैं अपने परिवार में वापस आ गया हूं और घर लौट आया हूं. इससे बेहतर दिन नहीं हो सकता. अपनी 40 साल की राजनीतिक जिंदगी में मैं जिला अध्यक्ष, स्पीकर और राज्य अध्यक्ष रहा हूं. मैं कांग्रेस में बिना शर्त काम करता रहूंगा और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने में अपना सहयोग दूंगा.ADVERTISEMENTयशपाल आर्यवैसे बीजेपी को इशारा मिल चुका था कि आर्य कांग्रेस में लौटने वाले हैं. 25 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नाश्ता मीटिंग के लिए आर्य के सरकारी आवास पहुंचे थे. लेकिन यह पैंतरा काम नहीं आया और बीजेपी अपने क्षत्रप को बचा ...