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उत्तराखंड में एक के बाद एक गाँव क्यों हो रहे हैं ख़ाली
BBC
चौबट्टाखाल तहसील के ही मझगाँव ग्रामसभा के भरतपुर गाँव में महज़ एक परिवार बचा है. गाँव के ज़्यादातर घर खंडहर बन गए हैं. कुछ घरों पर ताले तो कुछ के टूटे किवाड़ और उनके अंदर तक झाड़ियां उगी हुई हुई हैं.
पौड़ी के चौबट्टाखाल तहसील के किमगिड़ी गाँव की महिलाएं अपने खेतों में मंडुआ, उड़द और अन्य दालों की कटाई कर रही हैं.
17, 18 और 19 अक्टूबर को लगातार भारी बारिश की मार खेतों में खड़ी दाल की फ़सल पर पड़ी है.
बुज़ुर्ग किसान लीला देवी कहती हैं, "जब बारिश चाहिए तब नहीं होती. अभी बेमौसम की बारिश हो रही है. उड़द की दाल गल गई है. मंडुवा सड़ गया. पशुओं के चारे के लिए हमने घास काटकर रखे थे, वो भी सड़ गई."
वह बताती हैं कि मई में बुवाई के समय भी लगातार बेमौसम बारिश हुई थी. जिसका असर पौधों पर पड़ा और अब कटाई के दौरान बारिश ने रही-सही कसर पूरी कर दी.
लीला देवी अपने खेतों का वो हिस्सा भी दिखाती हैं, जिसमें जंगली सूअरों के झुंड ने नुक़सान पहुँचाया है.