उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति में 2017 के बाद 100 गुना की गिरावट
The Wire
यह योजना उत्तराखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जो विशेष रूप से कक्षा 1 से 10 में पढ़ने वाले राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए है, जिनमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन शामिल हैं.
देहरादून: सूचना के अधिकार से खुलासा हुआ है कि 2017-18 से 2020-21 के बीच उत्तराखंड में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों की संख्या में 100 गुना से अधिक की गिरावट आई है.
इस संबंध में टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से आरटीआई दायर की गई थी.
योजना राज्य सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जो विशेष रूप से कक्षा 1 से 10 में पढ़ने वाले उत्तराखंड के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए है. जिनमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में 38,477 छात्रों ने छात्रवृत्ति का लाभ उठाया था. 2018-19 में यह संख्या गिरकर 8,601 हो गई. अगले वर्ष 3,498 छात्रों ने राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठाया. 2020-21 में केवल 337 छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ मिला.