
उत्तराखंड: नैनीताल की नैनी झील पर मंडराता संकट, कभी सूखा तो कभी बाढ़
BBC
नैनीताल शहर जिस झील के कारण बसा, आज वही झील अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है. आख़िर क्या हैं इस संकट के कारण?
शाम के छह बज रहे हैं. हमेशा गुलज़ार रहने वाले नैनीताल के 'मॉल रोड' पर इक्का-दुक्का लोग ही नज़र आ रहे हैं.
यूं तो इस सड़क पर शाम के वक़्त पर्यटकों की होने वाली भीड़ को देखते हुए यहां पर शाम के छह बजे से रात के आठ बजे तक वाहनों के प्रवेश की मनाही रहती है, मगर अब न तो पर्यटक नज़र आ रहे हैं और न ही वाहन.
नैनीताल की ये तस्वीर बड़ी डरावनी है. लेकिन इसके कई कारण हैं.
उत्तराखंड के कुमाऊँ के इलाक़े में अक्टूबर महीने में तीन दिनों तक लगातार हुई अप्रत्याशित बारिश ने यहां के पहाड़ों में बड़ी तबाही तो मचाई ही है. साथ ही नैनीताल भी इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है.
स्थानीय लोग कहते हैं कि साल 2016 और 2017 में सूखने के कगार पर पहुँच चुकी नैनी झील भी इस अप्रत्याशित बारिश की मार झेल नहीं पाई. झील का पानी अपने किनारों को तोड़ते हुए बड़े पैमाने पर शहर में तबाही मचाता चला गया. झील के पानी के तेज़ बहाव की चपेट में आईं दुकानें, मकान और सड़कें तबाह होती चली गईं.