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उत्तराखंड: जो पैसा वन संरक्षण पर होना था खर्च, उससे खरीदे गए आईफोन, लैपटॉप और फ्रीज... CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
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उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र से दौरान सीएजी रिपोर्ट सदन में रखी गई. 2022 के रिकॉर्ड की जांच करने वाली इस रिपोर्ट में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां CAMPA के फंड को वनीकरण से संबंधित कार्यों पर खर्च करने की बजाय अन्य मदों पर खर्च किया गया.
उत्तराखंड बजट सत्र 2025 के दौरान नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट सदन में पेश की गई. इस रिपोर्ट ने प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) में व्यापक वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा किया है. जो फंड वन संरक्षण और वनीकरण के लिए निर्धारित था उनका उपयोग गैर-जरूरी खर्चों के लिए किया गया, जिसमें आईफोन, लैपटॉप, और रेफ्रिजरेटर की खरीद शामिल है. इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए.
2022 के रिकॉर्ड की जांच करने वाली इस रिपोर्ट में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां CAMPA के फंड को वनीकरण से संबंधित कार्यों पर खर्च करने की बजाय अन्य मदों पर खर्च किया गया. रिपोर्ट की कुछ अहम बातें इस प्रकार हैं:
- कर भुगतान के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) परियोजना को 56.97 लाख रुपये रिडायरेक्ट किए गए, जबकि पैसा इसके लिए नहीं था. - डीएफओ अल्मोड़ा कार्यालय में उचित मंजूरी के बिना सोलर फेंसिंग पर ₹ 13.51 लाख खर्च किए गए. - जन जागरूकता अभियान के लिए निर्धारित ₹ 6.54 लाख का उपयोग मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ), सतर्कता और कानूनी प्रकोष्ठ के ऑफिस बनाने पर खर्च किया गया. - ₹13.86 करोड़ का दुरुपयोग विभागीय स्तर पर अन्य परियोजनाओं के लिए किया गया, जिसमें बाघ सफारी परियोजनाएं, कानूनी शुल्क, व्यक्तिगत यात्रा, और आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज, और कार्यालय आपूर्ति की खरीद शामिल थी.
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लंबे समय से चल रही थीं वित्तीय अनियमितताएं सीएजी रिपोर्ट में 2013 के पहले के ऑडिट का भी हवाला दिया गया है, जिसमें 2006 और 2012 के बीच इसी तरह के कुप्रबंधन को उजागर किया गया था: - प्रतिपूरक वनरोपण शुल्क के रूप में 212.28 करोड़ रुपये वसूल नहीं किए गए. - अस्वीकृत परियोजनाओं पर 2.13 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि स्वीकृत सीमा से परे 3.74 करोड़ रुपये खर्च किए गए. - प्रधान सचिव के आवास के जीर्णोद्धार, सरकारी क्वार्टरों के रखरखाव और वाहन खरीद जैसे गैर-पर्यावरणीय खर्चों पर 12.26 करोड़ रुपये खर्च किए गए. - बजट बैठकों के लिए लंच और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के लिए 35 लाख रुपये के जश्न समारोह सहित अनावश्यक खर्चों पर 6.14 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
वन भूमि का अनधिकृत उपयोग ऑडिट ने वन संरक्षण (FC) दिशानिर्देशों के उल्लंघन का भी जिक्र किया:
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