
उत्तराखंडः धामी ही आएँगे वापस या बीजेपी आलाकमान किसी और को थमाएगा कमान
BBC
उत्तराखंड में ऐसा तीसरी बार हुआ है कि चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी भावी मुख्यमंत्री के नाम के साथ चुनाव में उतरी है लेकिन परिस्थितियां इस बार अलग हैं. क्योंकि वो चेहरा चुनाव हार गया है.
उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों के बाद वह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है जो हर चुनाव के बाद सिर उठाता है और वह सवाल है कि अब मुख्यमंत्री कौन? हालांकि, मुख्यमंत्री बनने के लिए कई दावेदार मैदान में हैं लेकिन हर बार की तरह इस सवाल का जवाब दिल्ली से ही आना है.
उत्तराखंड में ऐसा तीसरी बार हुआ है कि चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी भावी मुख्यमंत्री के नाम के साथ चुनाव में उतरी है लेकिन परिस्थितियां इस बार अलग हैं.
2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जनरल (रिटायर्ड) बीसी खंडूड़ी के नाम के साथ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी चुनाव में उतरी थी. तब भी पार्टी ने पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बनाए थे.
2007 में सत्ता हासिल करने पर बीसी खंडूड़ी मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें हटाकर करीब सवा साल के लिए रमेश पोखरियाल निशंक को राज्य का मुखिया बनाया गया और चुनाव से छह महीने पहले निशंक को भी हटा दिया गया.
सितंबर 2011 में जनरल (रिटायर्ड) खंडूड़ी को फिर मुख्यमंत्री बनाया गया और पार्टी उन्हीं के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरी लेकिन खंडूड़ी अपना ही चुनाव हार गए और बीजेपी की सत्ता में वापसी नहीं हुई.