उड़ते कबूतर का टैटू बनवाया था, मगर आजादी ही चली गई : तालिबान की जकड़ से निकले रिशाद रहमानी
NDTV India
नोएडा में अफगान शरणार्थियों के शिविर में रह रहे रहमानी ने अपने टैटू के बारे में कहा कि मैं इसे हम अफगानों एवं अपने प्रिय अफगानिस्तान की आजादी की इच्छा के तौर पर रखता हूं , अफगानिस्तान ने गृहयुद्ध और तालिबान के कारण दशकों तक शांति भंग होती देखी है.
अफगानिस्तान से 2019 में भारत आए रिशाद रहमानी ने गर्दन पर एक ओर उड़ता हुआ कबूतर गुदवाया था, जो अफगान लोगों की आजादी की इच्छा का प्रतीक है लेकिन उसके दिमाग में कुछ साल पहले तालिबान के हाथों उसके मामा की हत्या की यादें ही अब तक ताजा हैं. युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के बाल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ के रहने वाले 22 साल के इस युवक को ‘तालिबान' शब्द के जिक्र से चिढ़ है. वैसे विडंबना है कि इस शब्द का पश्तो में अर्थ विद्यार्थी होता है.More Related News