
ईद-उल-अजहा के अवसर पर हरिद्वार में पशु वध पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश पर रोक
The Wire
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार ज़िले की मंगलौर नगरपालिका के एक बूचड़खाने में 10 जुलाई को ईद-उल-अजहा के लिए जानवरों के वध की अनुमति दे दी. बीते साल कुंभ मेले से पहले राज्य की भाजपा सरकार ने ज़िले के शहरी स्थानीय निकायों को ‘बूचड़खाना मुक्त क्षेत्र’ घोषित कर इन्हें संचालित करने के लिए जारी की गई मंज़ूरी को रद्द कर दिया था.
देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूरे हरिद्वार जिले को ‘जानवरों का वध-मुक्त क्षेत्र’ या ‘बूचड़खाना मुक्त क्षेत्र’ घोषित करने वाली राज्य सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी और जिले की मंगलौर नगरपालिका के एक बूचड़खाने में 10 जुलाई को ईद-उल-अजहा के लिए जानवरों के वध की अनुमति दे दी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जस्टिस आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि ईद-उल-अजहा पर जानवरों का वध केवल कानूनी रूप से अनुपालन करने वाले बूचड़खाने में किया जाना चाहिए.
इसके साथ ही अदालत ने नगरपालिका से कहा कि इस निर्देश का प्रचार-प्रसार करें. उन्होंने सरकारी आदेश पर सवाल उठाने वाले याचिकाकर्ता को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जिले में कहीं और कोई वध नहीं किया जाए.
पिछले साल 3 मार्च को उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने हरिद्वार जिले में शहरी स्थानीय निकायों- दो नगर निगमों, दो नगर पालिका परिषदों और पांच नगर पंचायतों को ‘बूचड़खाना मुक्त क्षेत्र’ घोषित कर बूचड़खानों को संचालित करने के लिए जारी की गई मंजूरी को रद्द कर दिया था.