इस साल जम्मू-कश्मीर में मारे गए 75 आतंकी, ज्यादातर पाकिस्तानी
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घाटी में बारामूला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा और कुलगाम जिलों में विदेशी आतंकी मारे गए. जम्मू-कश्मीर के जिन 9 जिलों में विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी देखी गई, उनमें बारामूला आतंकवादी हताहतों की सूची में सबसे ऊपर है, जहां 9 मुठभेड़ों में 14 गैर-स्थानीय आतंकवादी मारे गए हैं.
साल 2024 में जनवरी से लेकर 29 दिसंबर तक जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ अहम सफलताएं हासिल की हैं. इस साल कुल 75 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें से 60 फीसदी पाकिस्तानी थे. सेना के अधिकारियों ने उन्होंने कहा, 'आतंकवादियों को पाकिस्तान की ओर से बढ़ावा इस बात से भी देखा जा सकता है कि राज्य से केवल 4 स्थानीय युवाओं को आतंकवादी संगठन भर्ती करने में सफल हो पाए हैं. भारतीय सुरक्षा बलों ने इस साल अब तक हर 5वें दिन एक आतंकी को मार गिराने में सफलता पाई है. अब तक मारे गए 75 आतंकवादियों में से अधिकतर विदेशी थे.'
इनमें नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर घुसपैठ की कोशिश के दौरान मारे गए 17 आतंकवादी शामिल हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर के आंतरिक इलाकों में मुठभेड़ के दौरान 26 आतंकवादी मारे गए. आतंकियों के बढ़ते खतरे को काबू करने में सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई अहम कदम साबित हुई है. उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि मारे गए 42 गैर-स्थानीय आतंकवादियों में से अधिकांश जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों, जम्मू, उधमपुर, कठुआ, डोडा और राजौरी में थे.
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घाटी में बारामूला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा और कुलगाम जिलों में विदेशी आतंकी मारे गए. जम्मू-कश्मीर के जिन 9 जिलों में विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी देखी गई, उनमें बारामूला आतंकवादी हताहतों की सूची में सबसे ऊपर है, जहां 9 मुठभेड़ों में 14 गैर-स्थानीय आतंकवादी मारे गए हैं. बारामूला जिले में अधिकांश विदेशी आतंकवादी उरी सेक्टर के सबुरा नाला क्षेत्र, मुख्य उरी सेक्टर, नियंत्रण रेखा के साथ कमलकोट उरी में मारे गए.
लेकिन कुछ आतंकी बारामूला और नौपोरा, हादीपोरा, सगीपोरा के चक टप्पर क्रिरी के अंदरूनी इलाकों, सोपोर के वाटरगाम और राजपोर क्षेत्र में मारे गए. आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की संख्या में भारी गिरावट आई है और जिसके कारण अब केवल पाकिस्तानी आतंकवादी ही सक्रिय हैं. स्थानीय आतंकवादी समूह का लगभग सफाया हो चुका है. 2024 में, जम्मू-कश्मीर में 60 आतंकवादी घटनाओं में 32 नागरिक मारे गए और सुरक्षा बल के 26 जवान भी शहीद हुए.