इस तरह जीने वाले लोगों को जल्दी घेर लेता है बुढ़ापा, घट जाती है उम्र
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अकेलापन इंसान की उम्र को एक साल आठ महीने यानि लगभग दो साल आगे कर देता है. ये धूम्रपान से भी तेजी से व्यक्ति को बूढ़ा करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अकेलापन शारीरिक और मानसिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में लगभग 50 लाख लोग अकेलेपन का शिकार हैं जिनमें ज्यादातर लोग शहरी इलाकों में रहते हैं.
दुनिया में लगातार विकसित होती तकनीक की वजह से करोड़ों मील दूर लोग भी आपस में एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं. हम दुनिया के दूसरे कोने में बैठे किसी भी शख्स से बात कर सकते हैं, उसे देख सकते हैं. हम सभी अपने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों के साथ भी आसानी से संपर्क कर पाते हैं लेकिन ये सिक्के का सिर्फ एक पहलू है. दूसरा पहलू ये है कि तमाम तरह की तकनीकों के बावजूद लोग अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं. कई लोग मजबूरी और तो कई अपनी इच्छा के अनुसार खुद को लोगों से दूर कर लेते हैं जो इंसानी प्रकृति के विपरीत है. यही वजह है कि अकेले रहने वाले लोग अवसाद, तनाव, हृदय रोग, डाइमेंशिया जैसी कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. वहीं, एक नई रिसर्च में सामने आया है कि अकेलापन इंसान को समय से पहले ही बूढ़ा बना देता है और ये सेहत को धूम्रपान से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
रिसर्च में हुआ ये चौंकाने वाला खुलासा इस रिसर्च में ये दावा किया गया है कि अकेलापन इंसान को एक साल आठ महीने यानि लगभग दो साल आगे कर देता है जिससे वो हमउम्र लोगों की तुलना में जल्दी बूढ़े होते हैं और ये धूम्रपान से भी तेजी से उम्र बढ़ाता है. धूम्रपान करने वाले लोगों की उम्र हमउम्र लोगों की तुलना में एक साल तीन महीने जल्दी बढ़ती है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि अकेलापन कई अन्य बीमारियों के साथ ही शरीर में सूजन भी बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति की अल्जाइमर समेत कई बीमारियों से घिरने की आशंका बढ़ जाती है.
भारत में लगभग 50 लाख लोग अकेलेपन का शिकार हैं जिनमें ज्यादातर लोग शहरी इलाकों में रहते हैं. वहीं, एक वैश्विक सर्वेक्षण में दावा किया गया कि दुनिया की 33 प्रतिशत आबादी अकेलेपन से पीड़ित है.
अकेलेपन से हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर
वैज्ञानिकों का कहना है कि अकेलापन और लोगों से दूरी इंसान का स्वास्थ्य खराब करती है. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन कई रिसर्च में सामने आया है कि अकेलेपन से शरीर में सूजन बढ़ती है. दरअसल सूजन तब होती है जब शरीर संक्रमण या कोई चोट लगने पर उससे लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को रसायनों का उत्पादन करने का सिग्नल देता है और ऐसा तनाव और अवसाद की स्थिति में भी होता है जिससे शरीर में सूजन हो जाती है.
शोध से पता चलता है कि शरीर की बायलॉजिकल क्लॉक बिगड़ने पर इंसान में अल्जाइमर, डायबिटीज, हृदय रोग और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अकेलेपन और उदासी की वजह से लंबे समय तक शरीर में होने वाली सूजन कोशिकाओं और महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाती है.
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