इस्लामिक देश वाक़ई इसराइल को झुका पाने की हालत में हैं?
BBC
प्रथम विश्व युद्ध के पहले फ़लस्तीन ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था. ऐसे में अर्दोआन के बढ़-चढ़कर बोलने की एक ऐतिहासिक वजह भी है. लेकिन क्या इस्लामिक देशों के लिए फ़लस्तीन वाक़ई गंभीर मुद्दा है?
सऊदी अरब और तुर्की की दुश्मनी ऑटोमन साम्राज्य से ही है जबकि दोनों सुन्नी मुस्लिम बहुल देश हैं. कहा जाता है कि दोनों के बीच मुस्लिम वर्ल्ड के नेतृत्व की होड़ भी है. सऊदी अरब के पास मक्का और मदीना है तो तुर्की के पास विशाल ऑटोमन साम्राज्य की विरासत. इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच जारी टकराव को लेकर सऊदी अरब और तुर्की खुलकर फ़लस्तीनियों के समर्थन में बोल रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन सऊदी सरकार की तुलना में रोज़ फ़लस्तीनियों के समर्थन में ज़्यादा बोल रहे हैं. वो हर दिन तीन से चार बयान जारी कर रहे हैं और इस मुद्दे को लेकर इस्लामिक देशों के नेताओं से बात कर रहे हैं. उन्होंने पुतिन को भी फ़ोन किया और इसराइल को कड़ा सबक सिखाने की बात कही. प्रथम विश्व युद्ध के पहले फ़लस्तीन ऑटोमन साम्राज्य का एक इलाक़ा था. ऐसे में अर्दोआन के बढ़-चढ़कर बोलने की एक ऐतिहासिक वजह भी है. मणिपुर से भी छोटा देश इसराइल कैसे बना 'सुपरपावर'?More Related News