इसराइल-फ़लस्तीनी संघर्ष: ख़त्म नहीं हुई, रूकी है लड़ाई; दोनों का जीत का दावा
BBC
ग़ज़ा में 11 दिनों की लड़ाई के बाद फ़लस्तीनी इलाक़ों में हमास को लेकर समर्थन बढ़ा है. वहीं इसराइल में नेतन्याहू को फिर से घरेलू राजनीति की फ़िक्र करनी होगी.
इसराइल और हमास के बीच ताज़ा संघर्ष के दौरान ग़ज़ा के फ़लस्तीनी घरों में बंद थे क्योंकि बाहर निकलने पर जान जाने का ख़तरा था. संघर्षविराम होने के बाद ही वे बाहर निकले ताकि यह देख सकें कि इसराइल ने क्या किया है. लोग कंक्रीट के ढेर में तब्दील हो चुकी उस इमारत के मलबे को देखने जुट गए जिसे इसराइल ने ज़मींदोज़ कर दिया था. कुछ जगहों पर सड़कें इसी तरह के मलबे से बंद हो चुकी थीं. बुलडोज़र चलाने वाले लगातार काम कर रहे थे. हालाँकि, इन सबमें ऐसा कुछ नहीं था जो चौंकाने वाला हो. इस संघर्ष के दौरान जो कुछ हुआ, उसे टीवी चैनलों ने भरपूर कवर किया. मगर इंसान चाहता है कि वह एक बार अपनी आँखों से देख ले. इसराइली नेता और सैन्य कमांडर दावा कर रहे हैं कि उन्होंने 'हमास और ग़ज़ा में सक्रिय दूसरे छोटे गुटों के आतंक के इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान पहुंचाया है.' यहां इमारतों को हुआ नुक़सान साफ नज़र आता है. मगर ग़ज़ा के सशस्त्र समूहों के समर्थकों के मनोबल की बात ही अलग है. 11 दिनों के युद्ध के बाद उनका मनोबल न सिर्फ बना हुआ है बल्कि यह बढ़ा हुआ नज़र आता है.More Related News