
इसराइल ने यहूदियों को मारने वाले आइशमन को कैसे पकड़ा था
BBC
इसराइल के इतिहास में पहली और आख़िरी फांसी जिस एडोल्फ़ आइशमन को दी गई थी, उस पर साठ लाख यहूदियों की मौत का आरोप था.
शायद हिटलर के अलावा यूरोप के यहूदियों को मारने का जितना जुनून लेफ़्टिनेंट कर्नल एडोल्फ़ आइशमन में था, उतना किसी में भी नहीं. दूसरे महायुद्ध के समाप्त होने के कई साल बाद अर्जेंटीना में छिपे रहने के दौरान आइशमन ने एक डच व्यक्ति विलेम सैसेन को दिए गए इंटरव्यू में कहा था, "आपको सच बताऊं, अगर हमने यूरोप में रह रहे सभी एक करोड़ तीस लाख यहूदियों को ख़त्म कर दिया होता तो मैंने अपना काम पूरा किया होता." "चूँकि ये हुआ नहीं, इसलिए मैं अपनी भावी पीढ़ियों की परेशानियों के लिए अपने आप को ज़िम्मेदार ठहराता हूँ. हम चूँकि संख्या में कम थे इसलिए इस काम को अंजाम नहीं दे पाए. लेकिन हम जितना कर सकते थे, हमने किया." दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति पर आइशमन किसी तरह अर्जेंटीना भागने में सफल रहे. वर्ष 1957 में इसराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद को अपने जर्मन सूत्रों से ख़बर लगी कि आइशमन पिछले कई वर्षों से अर्जेंटीना में नाम बदल कर रह रहे हैं.More Related News