
इसराइल के ख़िलाफ़ यूएन में अहम प्रस्ताव पास, जानिए- भारत, चीन, रूस रहे किसके साथ
BBC
इसराइल ने इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट देने वाले देशों को शुक्रिया कहा है. यह प्रस्ताव 24-9 वोट से पास हुआ. पाकिस्तान को रूस और चीन का साथ मिला. भारत किसके साथ रहा?
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था ग़ज़ा में इसराइल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच 11 दिनों तक चले हिंसक संघर्ष की जाँच 'युद्ध अपराध' के तौर पर करेगी. यूएनएचआरसी यानी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यह प्रस्ताव 24-9 वोट से पास हुआ. 14 देश मतदान से बाहर रहे. मतदान न करने वालों में भारत भी शामिल है. गुरुवार को यूएनएचआरसी का फ़लस्तीनियों के अधिकारों को लेकर ख़ास सत्र बुलाया गया था. इस सत्र में ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के सदस्य देश एकजुट रहे. ओआईसी फ़लस्तीनियों के पक्ष में खुलकर खड़ा था. युद्धविराम से पहले 11 दिनों तक चले हिंसक संघर्ष में ग़ज़ा में कम से कम 248 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 66 बच्चे और 39 महिलाएं हैं. इसराइल में भी 12 लोगों की मौत हुई है. इसराइल का कहना है कि उसने हमास के रॉकेट के जवाब में हमले किए थे. यूएनएचआरसी के इस प्रस्ताव पर इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इसराइली पीएम ने यूएनएचआरसी के प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''यूएनएचआरसी में लिया गया शर्मनाक फ़ैसला एक और उदाहरण है कि संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था कैसे इसराइल विरोधी मंशा से ग्रस्त है. एक बार फिर से ऑटोमैटिक बहुमत वाली इस काउंसिल ने जनसंहार करने वाले आतंकवादी संगठन, जिसने जानबूझकर इसराइली नागरिकों को निशाना बनाया और ग़ज़ा के लोगों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया, उसके अपराधों पर पर्दा डाल दिया है.''More Related News