इमरान ख़ान के शासन में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा क्यों रही है
BBC
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की सेहत बिगड़ी हुई है. प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के शासन में इसकी हालत और ख़राब हुई है. क्या हैं वजहें.
पाकिस्तान के सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विदेशी व्यापार विभाग को सौ प्रतिशत व्यापार घाटे का सामना करना पड़ा है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) सरकार ने व्यापार घाटे और देश के चालू खातों के घाटे को कम करने के लिए, देश के आयात में कमी लाने की घोषणा की थी.
हालांकि पीटीआई सरकार पिछले वित्तीय वर्ष में इस घाटे को थोड़ा बहुत कम करने में कामयाब रही, लेकिन चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में आयात में भारी वृद्धि देखी गई है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है.
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ता व्यापार घाटा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ख़तरनाक संकेत है क्योंकि यह घाटा चालू खातों के घाटे को बढ़ा कर विनिमय दर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिसका डॉलर के मुक़ाबले रुपये की क़ीमत पर सीधे तौर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
घरेलू मुद्रा इस समय डॉलर के मुक़ाबले बहुत ज़्यादा दबाव में है, जिसकी एक मुख्य वजह आयात बिल बढ़ने के कारण डॉलर की माँग में भारी वृद्धि होना है, जबकि दूसरी ओर देश के निर्यात में बहुत ही कम वृद्धि देखने में आयी है.