इमरान ख़ान की सरकार गिरी तो फिर पाकिस्तान में आगे क्या होगा?
BBC
पिछले साल अक्तूबर में आईएसआई के चीफ़ की नियुक्ति को लेकर सेना और इमरान ख़ान के बीच ठनी थी. क्या तभी शुरू हो गई थी सरकार की उल्टी गिनती?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अपने सियासी करियर के सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं. विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उन्हें चैन की सांस नहीं लेने दे रहा है. आज पाकिस्तान की संसद में उनके ख़िलाफ़ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू होगी.
हाल के दिनों में पाकिस्तान की सियासत में सारे दाव-पेंच खेले गए हैं. एक के बाद एक सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी की सरकार से कई सहयोगियों ने समर्थन वापस लिया है. जहाँ तक संसद में आंकड़ों का सवाल है, तो वहाँ पलड़ा विपक्ष की ओर झुका नज़र आ रहा है.
विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को 342 सांसदों की नेशनल असेंबली में 172 सांसदों के समर्थन की ज़रूरत है. मंगलवार को मुत्ताहिदा क़ौमी मूवमेंट के विपक्ष के साथ जाने के बाद अब विपक्ष के पास 175 सांसदों का समर्थन है.
इमरान ख़ान के साथ अब सिर्फ़ 164 सांसद हैं.
जुलाई 2018 में भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के वादे के साथ सत्ता में आए इमरान ख़ान बिना लड़े कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते. रविवार को उन्होंने इस्लामाबाद में एक बड़ी रैली की जिससे लगा कि अपने समर्थकों के बीच वो आज भी बेहद लोकप्रिय हैं.