इमरान को पॉलिटिकल कमेटी ने दिया सामूहिक इस्तीफे का प्रस्ताव, रात 10 बजे PAK को करेंगे संबोधित
AajTak
पाकिस्तान पॉलिटिकल कमेटी प्रधानमंत्री इमरान खान को सामूहिक इस्तीफे का प्रस्ताव दिया है.
पाकिस्तान पॉलिटिकल कमेटी प्रधानमंत्री इमरान खान को सामूहिक इस्तीफे का प्रस्ताव दिया है. वहीं शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक के बाद एक न्यूज चैनल से बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि हम पाकिस्तान की जनता के साथ हैं. हमारे कार्यकाल के दौरान मुल्क की छवि दुनिया में अच्छी हुई है. हमने जनता के भले के लिए राजनीति की. बता दें कि इमरान खान आज रात 10 बजे पाकिस्तान की जनता को संबोधित करेंगे.
न्यूज चैनल से बात करते हुए इमरान ने कहा कि सियासत में मकसद के साथ आया था. हमने जनता की सेवा की. जनता भी हमारे साथ है. दुनिया में पाकिस्तान की मिसाल कायम की है. उन्होंने कहा कि पीएम मुल्क के लिए पिता की तरह होता है.
उधर, दावा किया जा रहा है कि इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए आज शाम ही पीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं. इतना ही नहीं इमरान के साथ उनकी पार्टी PTI के सभी सांसद और विधायक (नेशनल और प्रांतीय असेंबली मिलाकर) मतलब पूरी ही पार्टी इस्तीफा देगी. इसके साथ-साथ जो विधायक चुनाव तो PTI की टिकट पर जीते, लेकिन बाद में इमरान की पार्टी छोड़ दी. ऐसे विधायकों को भी अयोग्य मानकर पार्टी से निकाला जाएगा.
अगर ऐसा होता है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जो कल (शनिवार) अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है, वह नहीं होगी क्योंकि उससे पहले ही सरकार गिर जाएगी. दरअसल, अगर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो इमरान वैसे भी सत्ता से बाहर होंगे क्योंकि संसद के नंबर गेम में वह विपक्ष से पीछे हैं. लेकिन अगर इमरान पूरी पार्टी के साथ आज ही इस्तीफा दे देंगे तो कल नेशनल असेंबली की मीटिंग का कोई खास मतलब नहीं रह जाएगा क्योंकि पीएम, डिप्टी स्पीकर के खिलाफ ही यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है और वह अपने पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके होंगे.
बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इमरान खान को झटका दिया था. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक बताया था और कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना गलत था.
ये भी पढ़ें
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.