इन 5 कारणों से शेयर बाजार में तूफानी तेजी, सेंसेक्स 1300 अंक उछला... सरपट भागे ये 10 स्टॉक्स
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BSE Sensex के टॉप 30 शेयरों में से सिर्फ सन फॉर्मा के शेयर में मामूली कमी आई. वहीं बाकी के सभी 29 स्टॉक धुंआधार तेजी पर बंद हुए. सबसे ज्यादा तेजी टेक महिंद्रा के शेयर में आई, जो आज 4 प्रतिशत चढ़कर 1584 रुपये पर था.
ग्लोबल मार्केट में अच्छे संकेत के बाद भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में धांसू तेजी आई है. Nifty करीब 400 अंक चढ़कर 24,540 लेवल पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1330 अंक की तेजी के साथ 80,436 लेवल पर बंद हुआ. वहीं Nifty Bank में 788 अंकों की तेजी आई है. इसके अलावा, निफ्टी मिडकैप से लेकर आईटी सेक्टर तक सभी ग्रीन जोन पर बंद हुए.
BSE Sensex के टॉप 30 शेयरों में से सिर्फ सन फॉर्मा के शेयर में मामूली कमी आई. वहीं बाकी के सभी 29 स्टॉक धुंआधार तेजी पर बंद हुए. सबसे ज्यादा तेजी टेक महिंद्रा के शेयर में आई, जो आज 4 प्रतिशत चढ़कर 1584 रुपये पर था. इसके बाद, महिंद्रा एंड महिंद्रा, Tata Motors, अल्ट्राटेक सीमेंट और TCS के शेयरों में तेजी देखी गई.
क्यों आई शेयर बाजार में शानदार तेजी? सुबह से ही शेयर बाजार में आज तेजी देखी जा रही थी. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 600 अंक चढ़कर खुला था, जबकि निफ्टी 200 अंक ऊपर खुला था. इसके बाद बाजार में और तेजी आती गई और बाजार बंद होने तक सेंसेक्स 1300 अंक चढ़ गया, जबकि निफ्टी करीब 400 अंक उछल गया.
ये 10 शेयर बने रॉकेट सबसे ज्यादा तेजी हाल ही लिस्ट हुई कंपनी OLA Electric के शेयरों में देखा गया, जिसने आज 20 फीसदी का अपर सर्किट लगाया है. लॉन्ग टर्म में DLF के शेयर 5 प्रतिशत, Wipro के शेयर 4.26 प्रतिशत, पॉवर फाइनेंस कॉर्प 4 फीसदी, पॉलिसी बाजार के शेयर 8 फीसदी, पीरामिल एंटरप्राइजेज 7.36 प्रतिशत, एमपैसा 7 प्रतिशत, CDSL के शेयर 9 फीसदी, जेन्सर टेक्नोलॉजी 7.73 प्रतिशत और निप्पॉन लाइफ इंडिया एएमसी 7.49 प्रतिशत चढ़ गया.
52 सप्ताह के हाई पर 95 शेयर NSE के कुल 2,797 शेयरों में से 1,872 शेयरों में उछाल देखी जा रही है. वहीं 845 शेयर गिरावट पर कारोबार कर रहे हैं. इसके अलावा, 80 शेयर अनचेंज रहे. 95 शेयर 52 सप्ताह के उच्च स्तर पर थे, जबकि 31 शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे. 112 शेयर अपर सर्किट और 76 शेयर लोअर सर्किट पर थे.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...