
इन देशों में लोग छोड़ रहे हैं अपना धर्म, दो धर्मों को सबसे ज्यादा नुकसान, भारत का क्या है हाल?
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अमेरिका के वॉशिंगटन में स्थित थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार, ईसाई धर्म और बौद्ध धर्म को इस 'धार्मिक परिवर्तन' से खासतौर पर बड़ा नुकसान हुआ है. 36 देशों में लगभग 80,000 लोगों के वयस्कों पर हुए सर्वेक्षण में पता चला कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो किसी धर्म को नहीं मानते हैं और उनका कोई धार्मिक जुड़ाव नहीं है.
दुनिया भर के कई देशों में कुल वयस्कों में से हर पांचवां व्यक्ति या उससे अधिक लोग उस धर्म को छोड़ चुके हैं जो उन्हें जन्म के साथ मिला था और जिसमें वो पले-बढ़े थे.
अमेरिका के वॉशिंगटन में स्थित थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार, ईसाई धर्म और बौद्ध धर्म को इस 'धार्मिक परिवर्तन' से खासतौर पर बड़ा नुकसान हुआ है.
36 देशों में लगभग 80,000 लोगों के वयस्कों पर हुए सर्वेक्षण में पता चला कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो किसी धर्म को नहीं मानते हैं और उनका कोई धार्मिक जुड़ाव नहीं है.
सर्वेक्षणों से पता चलता है कि दुनिया भर के देशों में धार्मिक परिवर्तन की दरें काफी अलग हैं.
कुछ देशों में धर्म बदलना बहुत दुर्लभ बात है. भारत, इजराइल, नाइजीरिया और थाईलैंड में 95% या उससे ज्यादा वयस्क कहते हैं कि वो अभी भी उसी धार्मिक समूह से जुड़े हुए हैं जिसमें वे पले-बढ़े थे.
लेकिन पूर्वी एशिया, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में अपने धर्म को छोड़ना काफी आम बात हो चुकी है. उदाहरण के लिए, दक्षिण कोरिया में 50% वयस्क, नीदरलैंड में 36%, अमेरिका में 28% और ब्राजील में 21% वयस्क अब अपने बचपन के धर्म से खुद को नहीं जोड़ते हैं.