
इजरायली अखबार का दावा कितना सच? हमास लीडर याह्या सिनवार की मौत बनी पहेली! कतर के राजनयिक ने कही ये बात
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द येरूशलम पोस्ट की खबर सामने आते ही हमास नेता याह्या सिनवार को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. इंटरनेट पर भी उसके जिंदा होने की बातें तैरने लगी. जिसके जवाब में इजरायली डिफेंस फोर्स यानी IDF ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
हसन नसरल्लाह की मौत के बाद हिज्बुल्लाह ने सोमवार को पहली बार इजरायल पर पलटवार किया. हिज्बुल्लाह ने इजरायल के शहर हाईफा पर सौ ज्यादा मिसाइल दागीं. इसके बाद इजरायल भी जवाबी कार्रवाई कर रहा है. लेबनान हो या फिर गाजा सभी जगह इजरायल के हमले जारी हैं. इसी दौरान एक बड़ी खबर सामने आई है.
इजरायली अखबार का दावा इजरायल के ही एक अखबार द येरूशलम पोस्ट ने हमास नेता याह्या सिनवार के जिंदा होने का दावा किया है और ये भी कहा है कि उसने खुफिया तरीके से कतर से संपर्क साधा है. द येरूशलम पोस्ट की खबर सामने आते ही हमास नेता याह्या सिनवार को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. इंटरनेट पर भी उसके जिंदा होने की बातें तैरने लगी.
द येरूशलम पोस्ट का बड़ा दावा क्या हमास का लीडर याह्या सिनवार अब भी जिंदा है? वो याह्या सिनवार जिसके बारे में ये कहा गया था कि वो इजरायली हवाई हमले में 21 सितंबर को ही मारा गया था. ये सवाल इसलिए क्योंकि सिनवार के मौत के दावों के बीच अब खुद इजरायल के ही एक अखबार द येरूशलम पोस्ट ने याह्या सिनवार के जिंदा होने का दावा किया है और ये भी कहा है कि उसने खुफिया तरीके से कतर से संपर्क साधा है. हालांकि कतर के एक राजनयिक ने इस दावे को झूठा बताया है.
हानिया की मौत के बाद सिनवार को मिली थी कमान लेकिन येरुशलम पोस्ट की इस रिपोर्ट ने हमास लीडर की जिंदगी और मौत को लेकर असमंजस के हालात जरूर पैदा कर दिए हैं. इजरायल ने इसी साल ईरान में किए गए एक धमाके में हमास लीडर इस्माइल हानिया को मार गिराया था. इसके बाद याह्या सिनवार को हमास की कमान सौंपी गई थी, लेकिन इसके कुछ दिनों के बाद खुद इजरायली फोर्स ने सिनवार को भी मार गिराने का दावा किया था. लेकिन सिनवार के जिंदा और मुर्दा होने को लेकर सवाल खड़ा हो गया है.
कौन है याह्या सिनवार? 1962 में जन्मे सिनवार हमास के शुरुआती सदस्यों में से एक था. हमास का गठन 1987 में हुआ था. सिनावर ने हमास की सुरक्षा शाखा का नेतृत्व किया, जिसने संगठन से इजरायली जासूसों को बाहर निकालने का काम किया. उसे 1980 के दशक के अंत में इजरायल द्वारा गिरफ्तार किया गया था और सिनवार ने 12 संदिग्ध सहयोगियों की हत्या करने की बात स्वीकार की थी, जिसके कारण उसे "खान यूनिस का कसाई" कहा जाने लगा था. आखिरकार, सिनवार को उसके अपराधों के लिए चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें 2 इजरायली कर्मियों की हत्या भी शामिल थी.
इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार इस साल अगस्त में हमास प्रमुख बना था, जब इस्माइल हनीया की ईरान में एक विस्फोट में हत्या कर दी गई थी.

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