इजराइल-हमास युद्ध के 100 दिन पूरे, अब तक नहीं रिहा हुए सभी बंधक, पढ़ें- क्या है जंग का मौजूदा हाल
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इजरायल और हमास की जंग को 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस बीच इजरायल ने गाजा में भयंकर तबाही मचाई. इजरायल में 1200 तो गाजा में 24,000 लोग मारे जाने का दावा है. बड़ा सवाल बंधकों का है, जो अब तक हमास की कैद में हैं. युद्ध के 100 दिन पूरे होने पर पढ़ें अब तक के बड़ी घटनाएं.
इजरायल-हमास युद्ध को 100 दिन पूरे हो गए हैं. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हवाई और जमीनी हमला किया था. इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ ऐसा युद्ध छेड़ा कि गाजा का एक हिस्सा मानो कब्रिस्तान बन गया. युद्ध में लंबे समय तक बंधक संकट के साथ घटनाओं में विनाशकारी मोड़ देखा गया है. युद्धविराम पर बातचीत करने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों के बावजूद हमास ने अभी तक सभी बंधकों को रिहा नहीं किया है.
इजरायल में शनिवार की रात हजारों की संख्या में इजरायली नागरिक सड़क पर उतरे. बेंजामिन नेतन्याहू शासन से उन्होंने जल्द अपने प्रियजनों को रिहा कराने की अपील की. कमोबेश 130 बंधक अब भी हमास की कैद में हैं और आशंका है कि इनमें कुछ की मौत भी हो गई है. हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को इजरायली शहर किबुत्ज, सैन्य अड्डे और सीमाई शहरों पर हमले किए थे. लड़ाकों ने यहां से कमोबेश 240 इजरायल-विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया था और उन्हें गाजा ले गए थे.
हमास ने 1200 इजरायली को उतारा मौत के घाट
हमास के लड़ाकों ने हवाई और जमीनी हमले में कम से कम 1200 इजरायली नागरिकों की जान ले ली थी. अचानक किए गए हमले में इजरायली नागरिकों को संभलने तक का मौका नहीं मिला और गोलीबारी में लड़ाकों ने दर्जनों इजरायली नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था. कमोबेश 360 मौतें नोवा फेस्टिवल साइट पर हुई, जहां बेखबर इजरायली त्योहार के जश्न में डूबे हुए थे. हमास लड़ाकों ने यहीं से 240 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसमें इजरायली और विदेशी नागरिक शामिल थे.
इजरायल में बंधकों के परिजनों का प्रदर्शन
गाजा में युद्धविराम लागू किए जाने की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू स्पष्ट कर चुके हैं कि गाजा में इजरायली सेना को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती. मसलन, वह युद्धविराम के सख्त खिलाफ हैं और बस वह हमास को "मिटा" चाहते हैं. हालांकि, बंधकों को लेकर इजरायली नागरिक लगातार नेतन्याहू शासन पर दबाव बना रहे हैं लेकिन इजरायली शासन युद्धविराम की मांग करने वालों को "आतंकवाद का समर्थक" बताते हैं. बावजूद इसके बंधकों के परिजन सड़क पर उतर उनका विरोध कर रह रहे हैं और बंधकों को जल्द रिहा कराने की मांग कर रहे हैं.
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