इंदिरा गांधी को अयोग्य क़रार देने का निर्णय बहुत साहस भरा था: सीजेआई एनवी रमना
The Wire
इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि साल 1975 में वह जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा थे, जिन्होंने ऐसा आदेश पारित किया, जिसमें इंदिरा गांधी को अयोग्य क़रार दिया गया. इस निर्णय ने देश को हिलाकर रख दिया था. नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्या
नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा द्वारा साल 1975 में चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अयोग्य करार देने का निर्णय ‘बहुत साहस भरा’ था, जिसने राष्ट्र को हिलाकर रख दिया और इसके परिणामस्वरूप आपातकाल लागू हुआ था. बीते शनिवार को जस्टिस रमना राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने इलाहाबाद आए हुए थे. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में एक नए भवन का शिलान्यास राष्ट्रपति द्वारा किया गया. जस्टिस रमना ने कहा कि साल 1975 में वह जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा थे, जिन्होंने ऐसा आदेश पारित किया, जिसमें इंदिरा गांधी को अयोग्य करार दिया गया. इस निर्णय ने देश को हिलाकर रख दिया. वह बहुत साहस भरा निर्णय था और कहा जा सकता है कि इसी के परिणामस्वरूप आपातकाल की घोषणा की गई. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का 150 साल से अधिक पुराना इतिहास है और इसके बार एवं पीठ ने देश को कई महान कानूनी विभूतियां दी हैं.More Related News