इंडोनेशिया के इस फ़ैसले से क्या वाक़ई भारत की परेशानी बढ़ेगी
BBC
भारत में हर साल 2.5 करोड़ टन खाने का तेल इस्तेमाल होता है, लेकिन घरेलू उत्पादन सिर्फ़ 1.11 करोड़ टन ही है. मांग और आपूर्ति का फ़ासला क़रीब 56 फ़ीसदी का है. इस कमी को आयात के ज़रिए पाटा जाता है.
पाम तेल पर इंडोनेशिया के प्रतिबंध से भारत के लिए भी मुश्किल स्थिति हो सकती है.
ख़ास कर वैसे वक़्त में जब रूस और यूक्रेन की जंग के चलते महंगाई की आग पहले से भड़की हुई है.
भारत के लिए मुसीबत कुछ ज़्यादा ही बड़ी है. मुसीबत इसलिए भी है कि यह खाने के तेल का दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है.
भारत में हर साल 2.5 करोड़ टन खाने का तेल इस्तेमाल होता है, लेकिन घरेलू उत्पादन सिर्फ 1.11 करोड़ टन ही है. मांग और आपूर्ति का फ़ासला क़रीब 56 फ़ीसदी का है. इस कमी को आयात के ज़रिए पाटा जाता है.
भारत बाहर से जो तेल मंगाता है, उसमें सबसे ज्यादा हिस्सा पाम ऑइल का है. लगभग 60 फ़ीसदी. सोयाबीन तेल की हिस्सेदारी 25 और सूरजमूखी तेल की हिस्सेदारी 12 फ़ीसदी है.