इंडिया में शेख हसीना, लंदन में खालिदा जिया... क्या बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस ने अपना रास्ता साफ कर लिया?
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बांग्लादेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि तीन बार प्रधानमंत्री रहीं खालिदा जिया पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए लंदन से कब लौटेंगी? सवाल ये भी है कि क्या बांग्लादेश की राजनीतिक परिस्थिति उन्हें लौटने की इजाजत भी देगी. ये सवाल तब है जब बांग्लादेश की दूसरी नेत्री शेख हसीना अगस्त 2024 से ही बांग्लादेश से बाहर हैं. ऐसी परिस्थिति में बांग्लादेश का राजनीतिक नेतृत्व बड़े शून्य से गुजर रहा है.
लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर पर खालिदा जिया अपने बेटे तारिक रहमान से गले लगकर मिलीं. व्हील चेयर पर बैठी 79 साल की खालिदा जिया से तारिक रहमान 2731 दिनों यानी कि लगभग 7 सालों के बाद मिल रहे थे. ये एक भावुक मुलाकात थी. बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की इस यात्रा की चर्चा मीडिया में नहीं थी.
मंगलवार को कतर के अमीर द्वारा उपलब्ध कराये गये विशेष एयर एम्बुलेंस में सवार होकर खालिदा जिया मंगलवार आधी रात 11:47 बजे ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना हुई थीं. ये 16 जुलाई 2017 के बाद खालिदा की पहली विदेश यात्रा थी. खालिदा जिया की राजनीतिक पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने कहा कि खालिदा इलाज के लिए लंदन गईं हैं. 2017 में भी खालिदा इलाज के मकसद से ही लंदन आई थीं.
गौरतलब है कि तारिक रहमान बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. रहमान 2008 से ही लंदन में रह रहे हैं और वहीं से पार्टी चलाते हैं. इस तरह से खालिदा जिया के लंदन जाने के बाद बांग्लादेश से BNP का शीर्ष नेतृत्व बाहर हो गया है.
अब बांग्लादेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि तीन बार प्रधानमंत्री रहीं खालिदा जिया पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए कब लौटेंगी? सवाल ये भी है कि क्या बांग्लादेश की राजनीतिक परिस्थिति उन्हें लौटने की इजाजत भी देगी.
बीएनपी के महासचिव मिर्ज़ा फखरुल इस्लाम आलमगीर मानते हैं कि शेख हसीना की सरकार के दौरान कैद में रह रहीं खालिदा जिया गंभीर रूप से बीमार थीं. उन्हें इलाज की जरूरत थी लेकिन बाहर जाने की अनुमति नहीं मिली थी.
দীর্ঘ প্রতীক্ষার অবসান দেশনেত্রী বেগম খালেদা জিয়ার সাথে ছেলে তারেক রহমান। pic.twitter.com/DKOAxyJcLV
मशफी बिन्ते शम्स ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण एकमात्र मुद्दा नहीं है, और दोनों देश अपने 'बहुआयामी' संबंधों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'शेख हसीना का प्रत्यर्पण अभी बांग्लादेश सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा कि अल्पकालिक स्थितियों पर ध्यान देने के बजाय, दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों पर ध्यान देना चाहिए.
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