इंटरकास्ट करने वाले कपल्स की सिक्योरिटी का ध्यान रखे सरकार, स्टेट गेस्ट हाउसेस में करे सेफ इंतजाम: बॉम्बे हाईकोर्ट
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याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मिहिर देसाई और लारा जेसानी ने कुछ सुझाव दिए. उन्होंने बताया गया कि दिल्ली और चंडीगढ़ प्रशासन ने ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय की हुई है जिसमें सुरक्षा संबंधी मुद्दों का सामना करने वाले कपल्स हेल्पलाइन पर कॉल कर सहायता मांग सकते हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह के कारण सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे कपल्स को लेकर बड़ी बात कही. हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे कपल्स के लिए महाराष्ट्र के प्रत्येक जिले में स्थित सरकारी अतिथिगृहों (State guest houses) को सेफ हाउसेस के रूप में नामित किया जा सकता है.
जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और शिवकुमार डिगे की पीठ ने कहा कि चूंकि प्रत्येक जिले में सरकारी अतिथिगृह हैं, इसलिए उनके कुछ कमरों को सेफ हाउसेस के रूप में नामित किया जा सकता है.
जजों की पीठ की अहम टिप्पणी
जजों की खंडपीठ ने कहा, "ऐसी समस्याओं का सामना करने वाले लोगों की संख्या इतनी अधिक नहीं है. आपको बस यह सुनिश्चित करना होगा कि इसे इस उद्देश्य के लिए नामित किया गया है. और यह सभी जगह होना चाहिए, केवल मुंबई या पुणे में नहीं हो सकता. राज्य अतिथिगृहों में हमेशा पुलिस की मौजूदगी होती है, इसलिए आपको अतिरिक्त बल तैनात करने की आवश्यकता नहीं है."
कोर्ट ने यह बात तब कही जब राज्य ने विभिन्न जिलों में सेफ हाउससे की पहचान करने के लिए समय मांगा और कहा कि वह ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं.
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