
आसाराम की ज़मानत याचिका के ख़िलाफ़ पीड़िता के पिता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, कहा- परिवार और चश्मदीदों को ख़तरा
The Wire
जोधपुर की एक अदालत ने साल 2018 को आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का दोषी पाने के बाद उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. अब आसाराम ने अपनी विभिन्न बीमारियों का हवाला देते हुए याचिका दायर कर सज़ा निरस्त करने और अंतरिम ज़मानत की मांग की है.
नयी दिल्लीः स्वयंभू संत आसाराम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एक बलात्कार पीड़ित बच्ची के पिता ने अपने परिवार के सदस्यों की जान को खतरा होने का अंदेशा जताते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. आसाराम ने जमानत याचिका दायर कर अपनी सजा निरस्त करने और अंतरिम जमानत की मांग की है ताकि वह उत्तराखंड के हरिद्वार के पास एक आयुर्वेदिक केंद्र में अपनी विभिन्न बीमारियों का इलाज करा सके. जोधपुर की एक अदालत ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का दोषी पाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बलात्कार पीड़िता के पिता ने अपने आवेदन में कहा, ‘याचिकाकर्ता (आसाराम) अत्यंत प्रभावशाली है और उनके राजनीतिक संपर्क हैं. इसके साथ ही देशभर में उनके लाखों अंधभक्त हैं. यहां तक कि सुपारी लेकर गवाहों पर हमला करने और उनकी हत्या करने वाले हत्यारे कार्तिक हलदर ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि आसाराम ने ही हत्याओं का आदेश दिया था.’More Related News