आसान नहीं है विदेशी वैक्सीन की एंट्री? फुल है फाइजर-मॉडर्ना की ऑर्डर बुक, क्या बोली सरकार
AajTak
भारत में वैक्सीन की किल्लत के बीच कई राज्यों द्वारा ग्लोबल टेंडर्स निकाले जा रहे हैं. एक तबका लगातार मांग उठा रहा है कि फाइज़र, मॉर्डना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों की वैक्सीन को देश में जल्द से जल्द लाना चाहिए.
भारत में वैक्सीन की किल्लत के बीच कई राज्यों द्वारा ग्लोबल टेंडर्स निकाले जा रहे हैं. एक तबका लगातार मांग उठा रहा है कि फाइज़र, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों की वैक्सीन को देश में जल्द से जल्द लाना चाहिए. ऐसे में विदेशी वैक्सीन की एंट्री का भारत में क्या स्टेटस है और क्या वैक्सीन मिल पाना इतना आसान है, एक नज़र डाल लीजिए... भारत में अभी तीन वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें से दो देसी और एक विदेशी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का लंबे वक्त से इस्तेमाल हो रहा है, तो वहीं रूस की स्पुतनिक-वी का मई में ही इस्तेमाल शुरू हुआ, जो अभी चिन्हित जगहों पर है लेकिन प्रोडक्शन बढ़ने के साथ फैल जाएगा. इस बीच वैक्सीन की किल्लत हो रही है, तो कई राज्यों ने विदेशी कंपनियों का रुख किया है. बीते दिनों वैक्सीन की कमी के बीच केंद्र ने भी कहा था कि जिन विदेशी वैक्सीन को दुनिया की एजेंसियों ने मंजूरी दे दी है, उन्हें भारत में भी फास्ट ट्रैक में मंजूरी मिल जाएगी. ऐसे में भारत में मॉडर्ना, फाइज़र और जॉनसन एंड जॉनसन को लेकर चर्चाएं तेज़ हुई थीं.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.