आशुतोष कौशिकः एक अभिनेता जो ख़ुद को 'भुला दिया जाना' चाहता है
BBC
इस अभिनेता का कहना है कि उसकी ज़िंदगी की एक घटना ने अब तक उसका साया नहीं छोड़ा है. और इसे लेकर वो अदालत में फ़रियाद करने पहुँचे हैं. क्या है वो मामला?
किसी को आख़िर एक ग़लती की सज़ा कब तक मिलती रहनी चाहिए?
अभिनेता आशुतोष कौशिक चाहते हैं कि इसका फ़ैसला अदालत करे और उन्होंने इसी इरादे से दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. उनकी याचिका पर गुरुवार को सुनवाई शुरु हुई और अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 1 अप्रैल की तारीख़ तय की है.
वो चाहते हैं कि अदालत उन्हें "राइट टू बी फ़ॉरगॉटेन" यानी "भुला दिए जाने का अधिकार" दे. उन्होंने याचिका में कहा है कि उनकी एक ग़लती का उनकी ज़िंदगी पर अब तक असर पड़ रहा है जो उन्होंने "अनजाने में एक दशक से भी पहले की थी".
जानकारों का कहना है कि "भुला दिए जाने का अधिकार" या "मिटा दिए जाने का अधिकार" का साधारण अर्थ ये है कि आपके बारे में जो भी व्यक्तिगत जानकारियाँ सार्वजनिक हैं उन्हें इंटरनेट से हटा दिया जाए.