आर्यन ख़ान ड्रग्स मामला: मीडिया न माफ़ी मांगेगा और न ही उसे दंड मिलेगा- नज़रिया
BBC
ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से आर्यन ख़ान को क्लीन चिट मिलने के बाद एक बार फिर से मीडिया सवालों के घेरे में है.
ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से आर्यन ख़ान को क्लीन चिट मिलने के बाद एक बार फिर से मीडिया सवालों के घेरे में है. इस मामले में मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए लोग मीडिया को कोस रहे हैं, उससे माफ़ी मांगने के लिए कह रहे हैं.
कई लोग ये भी कह रहे हैं कि ऐसे न्यूज़ चैनलों और उनके पत्रकारों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज़ किए जाने चाहिए जिन्होंने बेगुनाह आर्यन ख़ान के ख़िलाफ़ न केवल दुष्प्रचार किया बल्कि कार्रवाई का एकतरफ़ा समर्थन करते रहे.
आर्यन ख़ान की गिरफ़्तारी से लेकर उन्हें ज़मानत न मिलने देने की कोशिशों तक बार-बार ये साफ़ दिख रहा था कि एनसीबी किसी ख़ास एजेंडे के तहत काम कर रही है.
एक मुसलमान सुपरस्टार के बेटे को झूठे आरोपों में फंसाने की बात अब एनसीबी खुद कह रही है. मगर जिनकी आंखें बंद नहीं थीं, वे तब भी इस सच्चाई को देख पा रहे थे. मुख्यधारा की मीडिया को यह नहीं दिखा.
उसे एनसीबी और उसके विवादास्पद अधिकारी समीर वानखेड़े की कार्रवाई में कोई खोट नहीं नज़र नहीं आया. गिरफ़्तारी और उसके बाद एनसीबी के दफ़्तर में बीजेपी के नेताओं की मौजूदगी पर भी उसने आंखें मूंदे रखीं.