आर्यन ख़ान के ख़िलाफ़ पहली नज़र में साज़िश के सुबूत नहीं: बॉम्बे हाई कोर्ट - प्रेस रिव्यू
BBC
बॉम्बे हाई कोर्ट ने ड्रग मामले में आर्यन ख़ान और उनके साथ दो अन्य लोगों को ज़मानत देते हुए कहा कि पहली नज़र में इनके ख़िलाफ़ ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, जो ये दिखाते हों कि इन्होंने अपराध की साज़िश रची. पढ़ें, दिल्ली से छपने वाले अख़बारों की प्रमुख सुर्खियां.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने ड्रग मामले में आर्यन ख़ान और उनके साथ दो अन्य लोगों को ज़मानत देते हुए कहा कि पहली नज़र में इनके ख़िलाफ़ ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, जो ये दिखाते हों कि इन्होंने अपराध की साज़िश रची.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, कोर्ट का विस्तृत आदेश शनिवार को रिलीज़ किया गया.
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांब्रे की पीठ ने 28 अक्टूबर को आर्यन ख़ान, अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को जमानत दी थी.
अदालत ने कहा कि आर्यन खान के मोबाइल फ़ोन से लिए गए व्हाट्सऐप चैट से ऐसा कुछ आपत्तिजनक नहीं पाया गया जो दिखाता हो कि उसने अन्य आरोपियों ने अपराध करने की साजिश रची हो.
कोर्ट ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने आर्यन का जो बयान दर्ज किया है, उस पर केवल जांच के मक़सद से गौर किया जा सकता है. इसका प्रयोग यह नतीजा निकालने के लिए नहीं हो सकता कि आरोपी ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत कोई अपराध किया है.