
आरबीआई ने नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा, वित्त वर्ष 2021-22 में 10.5% वृद्धि का अनुमान
The Wire
कोविड-19 संक्रमण के ताज़ा मामलों और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच आरबीआई ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए ज़रूरत पड़ने पर आगे कटौती की जा सकती है. आरबीआई ने यह भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत पर रहेगी.
नई दिल्ली: कोविड-19 संक्रमण के ताजा मामलों और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रमुख उधारी दर यानी कि रेपो रेट को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है. हालांकि इसके साथ ही आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए जरूरत पड़ने पर आगे कटौती करने की बात कही है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसलों की घोषणा करते हुए कहा कि रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे वाणिज्यक बैंकों (कॉमर्शियल बैंक) को अल्पावधि (कम समय) के लिए नकदी या कर्ज उपलब्ध कराता है.More Related News