आरटीआई क़ानून पर जस्टिस लोकुर ने चिंता जताई, कहा- कोई नहीं जानता पीएम केयर्स फंड कहां जा रहा
The Wire
आरटीआई क़ानून की 16वीं वर्षगांठ के मौक़े पर एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर ने कहा कि एक लोकतांत्रिक गणराज्य के कामकाज के लिए सूचना महत्वपूर्ण है. इसका उद्देश्य सुशासन, पारदर्शिता व जवाबदेही को स्थापित करना है. पीएम केयर्स फंड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस पर आरटीआई एक्ट लागू न होने के चलते नागरिकों को पता ही नहीं है कि इसका पैसा कहां जा रहा है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुर ने सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून को कमजोर करने की कोशिशों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है. #WATCH| Public Lecture by Justice Lokur on the RTI Act https://t.co/QRzHfR5ciu
उन्होंने पीएम केयर्स फंड का उदाहरण देते हुए कहा कि इस पर आरटीआई एक्ट लागू नहीं होने के चलते नागरिकों को पता ही नहीं है कि इसका पैसा कहां जा रहा है. — GoNewsIndia (@GoNews_India) October 12, 2021
लाइव लॉ के मुताबिक जस्टिस लोकुर ने कहा, ‘इसे लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक क्यों नही हैं कि इस फंड में प्राप्त हुए करोड़ों रुपये को कहां खर्च किया जा रहा है?’
उन्होंने कहा, ‘यदि आप पीएम-केयर्स की वेबसाइट जाएंगे, तो वहां 28.03.2020 से 31.03.2020 के बीच प्राप्त हुए अनुदान का ऑडिट रिपोर्ट मिलेगा. इसमें कहा गया है कि चार दिन में 3000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. यदि आप इसका औसत निकालें, तो पता चलेगा कि हर दिन सैकड़ों-हजारों करोड़ रुपये इस फंड में प्राप्त हुए हैं. ये पैसा कहां जा रहा है? हमें नहीं पता चल रहा है.’