आरक्षण की वर्तमान प्रवृत्ति जाति व्यवस्था को मजबूत कर रही है: मद्रास हाईकोर्ट
The Wire
मेडिकल कॉलेज की सीटों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा को लेकर डीएमके द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश के नागरिकों को इतना सशक्त किया जाए कि आरक्षण व्यवस्था की जगह ‘मेरिट’ के आधार पर एडमिशन, नियुक्ति और प्रमोशन हो.
नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट ने बीते बुधवार (25 अगस्त) को कहा कि आरक्षण की वर्तमान प्रवृत्ति जाति व्यवस्था को मजबूत कर रही है और ‘मेरिट’ के आधार पर अवसर दिए जाने चाहिए. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और जस्टिस पीडी ऑडीकेसावालु की पीठ ने आरक्षण को लेकर ऐसी कई टिप्पणियां की. कोर्ट द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) पार्टी द्वारा दायर उस अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मेडिकल कॉलेज की सीटों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा के संबंध में केंद्र सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन फुटनोट में आरक्षण प्रणाली पर टिप्पणियों को दर्ज किया. उच्च न्यायालय ने कहा कि जाति व्यवस्था का ‘सफाया’ करने के बजाय मौजूदा व्यवस्था के तहत आरक्षण को बढ़ाया जा रहा है, जो कि कुछ समय के लिए था.More Related News