आम आदमी पार्टी की तिरंगा यात्रा बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद का ही नमूना है
The Wire
आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसके तिरंगे के रंग पक्के हैं. शुद्ध घी की तरह ही वह शुद्ध राष्ट्रवाद का कारोबार कर रही है. भारत के, और अभी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को राष्ट्रवाद का असली स्वाद अगर चाहिए तो वे उसकी दुकान पर आएं. उसकी राष्ट्रवाद की दाल में हिंदूवाद के छौंक और सुशासन के बघार का वादा है.
तिरंगा, सुना है ‘रामलला मंदिर’ पर मत्था टेकने के लिए रुकेगा और हनुमान गढ़ी का फेरा भी लगाएगा. यह आम आदमी पार्टी मार्का तिरंगा यात्रा का ब्योरा है. हाथों में तिरंगा और होठों पर जय श्री राम. उत्तर प्रदेश में चुनाव की धमक है और आम आदमी पार्टी ने 14 अगस्त से ही राज्य में अलग-अलग जगहों पर तिरंगा यात्रा करना शुरू कर दिया है. लखनऊ, आगरा, नोएडा के बाद अयोध्या की बारी है. अयोध्या की कल्पना राम के बिना नहीं की जा सकती, राष्ट्रपति महोदय ने यह मौलिक जानकारी या चेतावनी कह लें, हाल ही में राष्ट्र को दी है. उन्हें अभिधा में बात करनी चाहिए थी. कहना चाहिए था कि अयोध्या की बात उस राम के बिना नहीं कर सकते जिसके अभिभावक-मित्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे संबद्ध संगठन हैं. जैसे तुलसीदास वैदेही के बिना राम की कल्पना नहीं कर सकते थे वैसे ही अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघसंरक्षण रहित राम की कल्पना नहीं की जा सकती. चूंकि अयोध्या की कल्पना संघ संरक्षित राम के बगैर नहीं की जा सकती, वहां हर पवित्र काम के पहले उनकी सही लेना ज़रूरी होगा. इसलिए तिरंगे की हाजिरी रामलला के दरबार में होना लाजिमी है. आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसके तिरंगे के रंग पक्के हैं. शुद्ध घी की तरह ही वह शुद्ध राष्ट्रवाद का कारोबार कर रही है. भारत के, और अभी तो उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को राष्ट्रवाद का असली स्वाद अगर चाहिए तो वे उसकी दुकान पर आएं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, आम आदमी पार्टी की राष्ट्रवाद की दाल में हिंदूवाद के छौंक और सुशासन के बघार का वादा है.More Related News