आम आदमी को मौत के बाद भी इंतज़ार करना पड़ रहा है- तस्वीरों में देखें दर्द
BBC
उत्तर प्रदेश में कोरोना की बदतर होती जा रही दशा को बयां करती युवा फ़ोटोग्राफ़र सुमित कुमार की तस्वीरें
31 साल के सुमित कुमार आठ साल से लखनऊ में प्रेस फ़ोटोग्राफ़र हैं. अपने करियर में उन्होंने कभी ऐसा ख़ौफ़नाक मंज़र नहीं देखा था जैसा कि वे इन दिनों देख रहे हैं. पिछले पाँच-छह दिनों से वे लगातार लखनऊ की तमाम मौर्चरी और श्मशान घाटों पर जा रहे हैं. सुमित कुमार लखनऊ में अपने रिश्तेदारों के साथ रहते हैं, लेकिन घर में एक अलग कमरे में अपने आप को और अपने कैमरे को मानो क़ैद कर रखा है. घर के लोगों से मिलना-जुलना बंद हैं. सुमित कहते हैं कि घर से निकलते हुए झूठ बोलते हैं कि दफ़्तर जा रहे हैं. शहर का सच देखने के लिए उन्हें रोज़ झूठ का सहारा लेना पड़ता है. घर वालों को यह तक नहीं बताया कि लखनऊ में जहां रोज़ दर्जनों लोग कोरोना से मर रहे हैं, वहां वे रोज़ श्मशान घाट और अस्पतालों के मोर्चरी के चक्कर काट रहे हैं.More Related News