
आफ़स्पा के साये में शांति वार्ता संभव नहीं, शाह का बयान ‘गैर-ज़िम्मेदाराना’: एनएससीएन-आईएम
The Wire
केंद्र के साथ नगा राजनीतिक वार्ता में प्रमुख वार्ताकार एनएससीएन-आईएम ने कहा है कि आफ़स्पा के कारण नगाओं को कई मौकों पर कड़वा अनुभव मिला है. इसने काफ़ी ख़ून बहाया है. ख़ून और राजनीतिक बातचीत एक साथ नहीं चल सकती. वहीं मेघालय में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भी बयान दिया है कि सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों के मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.
दीमापुर/मोन/कोहिमा: नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) ने बीते बुधवार (आठ दिसंबर) को कहा कि आफस्पा के साये में कोई शांति वार्ता संभव नहीं है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में आतंकवाद रोधी अभियान पर दिए गए बयान को ‘गैर जिम्मेदाराना’ करार दिया.
इससे पहले ओटिंग के ग्रामीणों ने दावा किया था कि सेना ने उनकी पहचान का पता लगाए बिना ग्रामीणों को मारने के लिए गोली मार दी थी और उन्हें उग्रवादियों के रूप में पेश करने का प्रयास किया.
एनएससीएन (आईएम) ने दीमापुर में एक बयान में कहा कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (आफस्पा) के साये में कोई भी राजनीतिक वार्ता सार्थक नहीं होगी. मानवीय गरिमा को नियंत्रण में लेने दें और इसे नगा राजनीतिक शांति प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाया जाए.
केंद्र के साथ नगा राजनीतिक वार्ता में प्रमुख वार्ताकार एनएससीएन (आईएम) ने चार दिसंबर को मोन जिले के ओटिंग गांव में गोलीबारी में कम से कम 14 कोयला खदान मजदूरों की मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए बयान की भी निंदा की.