आप नेताओं ने LG पर 1400 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया, वीके सक्सेना लेंगे लीगल एक्शन
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दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना पर आप नेताओं ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. अब उस मामले में एलजी भी उन आप नेताओं के खिलाफ लीगल एक्शन लेने वाले हैं. कहा गया है कि उन सभी ने उन्हें फर्जी आरोप लगा बदनाम करने की कोशिश की है. जारी बयान में उस मामले को लेकर भी विस्तार से बताया गया है.
दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना और आप नेताओं के बीच में जंग बढ़ती जा रही है. पहले तो ये विवाद सिर्फ मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल तक सीमित चल रहा था, लेकिन अब आप के कई दूसरे विधायक भी इस तल्खी में शामिल हो गए हैं. कुछ दिन पहले ही आप नेताओं ने एलजी पर नोटबंदी के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया. ब्लैक मनी को सफेद करने का दावा कर दिया. अब वीके सक्सेना ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और इन सभी आप नेताओं के खिलाफ एक्शन लेने की बात की है.
क्या है ये पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि आप नेता आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और जैस्मिन शाह के खिलाफ एलजी लीगल एक्शन लेंगे. जोर देकर कहा गया है कि इन नेताओं ने एलजी के खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए हैं, उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है. अब जिस मामले का जिक्र एलजी कर रहे हैं ये साल 2016 से जुड़ा हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. अब आप का आरोप है कि खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहते हुए वीके सक्सेना ने अपने कर्मचारियों पर नोट बदलने के लिए दबाव डाला था. दुर्गेश पाठक ने कहा कि जब वे (वीके सक्सेना) खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन थे, तब नोटबंदी हुई थी और एक कैशियर ने लिखित में दिया था कि नोट बदलने के लिए उनपर दबाव बनाया जा रहा है. पार्टी का दावा है कि देशभर में 7 हजार ब्रांच में नोटों की अदला-बदली हुई थी. इस तरह से ये पूरा घोटाला 1,400 करोड़ रुपये का है.
एलजी ने बताया केस का सच
अब आप नेताओं के इन्हीं आरोपों को एलजी ने सिरे से खारिज कर दिया है. जोर देकर कहा गया है कि जिस मामले में आप के नेता उन्हें फंसाने का प्रयास कर रहे हैं, उस केस में सीबीआई ने चार्जशीट पहले ही दायर कर दी है. जिन दो आरोपियों का सहारा लेकर एलजी को फंसाने का प्रयास हो रहा है, उस मामले में वो खुद ही दोषी हैं. मामले को लेकर ये भी जानकारी दी गई है कि Khadi Gramodyog Bhavan (KGB) के अकाउंट में चलन से बंद किए गए 500 और 1000 के नोट जमा किए गए थे. जब ये जानकारी जैसे ही सामने आई, CVO को तुरंत सूचित किया गया और फिर अगले साल 2017 में सीबीआई एक सरप्राइज चेक मारा.
मुश्किल में फंसे आप नेता?
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