आपातकाल-भ्रष्टाचार का जिक्र, विपक्ष पर निशाना... संसद सत्र के पहले ही दिन पीएम मोदी ने दिखाया दम
AajTak
बीजेपी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संसद सत्र की शुरुआत फ्रंटफुट पर की. टीम का नेतृत्व करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार देश और इसके लोगों की सेवा के लिए सभी को साथ लेकर चलने की लगातार कोशिश करेगी, लेकिन विपक्ष के लिए एक सख्त संदेश भी जोड़ा. विपक्ष पर जिम्मेदारी डालते हुए और उन्हें जिम्मेदारी से व्यवहार करने का आग्रह किया.
देश में 18वीं लोकसभा का पहला संसदीय सत्र सोमवार से शुरू हुआ. जहां एक ओर विपक्षी नेताओं के हाथ में संविधान की प्रतियां दिखीं और राहुल गांधी यह कहते दिखे कि 'संविधान को कोई ताकत छू नहीं सकती', दूसरी ओर पीएम मोदी ने भी 'आपातकाल' की याद दिलाते हुए विपक्ष की हमलावर नीति पर पलटवार किया. उन्होंने आपातकाल का जिक्र किया, विपक्ष को अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए कहा और इन जवाबी हमलों के साथ पीएम मोदी ने दृढ़ता से यह बात सामने रखी कि उनकी सरकार यहीं रहेगी और वे विपक्ष के दबाव के कारण पीछे नहीं हटेंगे.
पीएम मोदी ने 50 साल पहले का बताया इतिहास पीएम ने देश को आधी सदी पीछे ले गए और सभी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश पर लगाए गए आपातकाल की याद दिलाई. आपातकाल की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि, ''कल भारतीय लोकतंत्र पर काले धब्बे के 50 साल पूरे हो जाएंगे. नई पीढ़ी यह नहीं भूलेगी कि कैसे भारतीय संविधान को खत्म किया गया, कैसे देश को जेल में बदल दिया गया और लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया गया.'' इस 50वीं बरसी पर देश संकल्प लेगा कि ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा.”
भारत को जिम्मेदार विपक्ष की जरूरतः पीएम मोदी बीजेपी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संसद सत्र की शुरुआत फ्रंटफुट पर की. टीम का नेतृत्व करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार देश और इसके लोगों की सेवा के लिए सभी को साथ लेकर चलने की लगातार कोशिश करेगी, लेकिन विपक्ष के लिए एक सख्त संदेश भी जोड़ा. विपक्ष पर जिम्मेदारी डालते हुए और उन्हें जिम्मेदारी से व्यवहार करने का आग्रह करते हुए पीएम ने कहा, "भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है, लोग नारे नहीं, बहस चाहते हैं, परिश्रम चाहते हैं, नाटक और संसद में अशांति नहीं. मुझे उम्मीद है कि विपक्ष लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा."
नई संसद में पहली बार चुने गए सांसदों का स्वागत: पीएम इस बार पहली बार चुनकर आए कई सांसद संसद के अंदर कदम रखेंगे. पहली बार चुने गए सांसदों का स्वागत करते हुए और सांसद होने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पीएम ने कहा कि पूरी नजर इन सांसदों पर है, 'देश को आपसे बहुत उम्मीदें हैं, मैं चाहता हूं कि आप जन कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाएं.' "
उन्होंने कहा कि "उन सभी को बधाई जो पहली बार चुने गए हैं और यह हमारे लिए गर्व का क्षण है. नए सांसद नए संसद भवन में शपथ लेंगे." पीएम ने पिछले दशक में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को भी बताया और देश के लोगों से वादा किया कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक मेहनत करेगी और तीन गुना परिणाम देगी. उन्होंने कहा "आजादी के बाद यह केवल दूसरी सरकार है जिसे लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया है. यह अवसर 60 वर्षों के बाद आया है. जब लोगों ने तीसरे कार्यकाल के लिए किसी सरकार को चुना है, तो इसका मतलब है कि उसके इरादे पर मुहर है." इसकी नीतियों और समर्पण पर मुहर, मैं इस अवसर के लिए लोगों को धन्यवाद देता हूं."
पीएम मोदी ने अगले 5 साल की योजनाओं पर भी की बात यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तरह संतुलन बनाने की कोशिश की. जहां एक तरफ उन्होंने कांग्रेस के अत्याचारों और विपक्ष ने जिस तरह से अतीत में देश को लूटा है, उस पर बात की, दूसरी तरफ उन्होंने भविष्य और अगले 5 साल अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में बात की. अपना ऐतिहासिक तीसरा कार्यकाल जीतने के बाद आज प्रधानमंत्री ने बेहतर भविष्य का वादा किया, साथ ही विपक्ष को संसद और सरकार के कामकाज में बड़े पैमाने पर बाधा डालने की चेतावनी भी दी.
महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन चल रहा है. वहीं दूसरी ओर परिणाम को लेकर विपक्षी दलों का हमला थम नहीं रहा. कांग्रेस, शिवसेना, उद्धव गुट और एनसीपी शरद पवार गुट इन परिणाम को अविश्वसनीय बता रहे हैं. संजय राउत ने पूर्व CJI चंद्रचूड़ को चुनावी परिणाम के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया. देखें VIDEO
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका, ब्रिटेन और नैटो देशों को परमाणु बम का इस्तेमाल करने की चेतावनी दी है. यूक्रेन युद्ध में रूस ने पहली बार मध्यम दूरी की सुपर हाइपर सुपरसोनिक मिसाइल का प्रयोग किया. पुतिन का दावा है कि दुनिया का कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को नहीं रोक सकता. देखें VIDEO
महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों के बाद असली शिवसेना और एनसीपी के विवाद का समाधान होने की उम्मीद है. बाल ठाकरे की शिवसेना और बीजेपी की साझेदारी के बावजूद, उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी को मजबूती से जीत नहीं दिला सके. उनके राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. उद्धव और शरद पवार के साथ कांग्रेस की सीटें जोड़ने पर भी शिंदे की शिवसेना आगे है. यह चुनाव नतीजे महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बना सकते हैं.