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आनंद गिरि ही सालों तक महंत नरेंद्र गिरि की पहली पसंद रहे, फिर 2019 में हुई बलवीर गिरि की एंट्री
ABP News
महंत नरेंद्र गिरि 12 साल की उम्र में आनंद को हरिद्वार के आश्रम से प्रयागराज के बाघंबरी मठ में ले आए थे. आनंद अब 38 साल के हैं और राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले हैं.
प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि, जिसपर संत ने अपने 7 पन्नों के सुसाइड नोट में आरोप लगा है, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मूल निवासी हैं. आनंद गिरि अब अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस हिरासत में हैं. नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में बलवीर गिरि के नाम अपनी वसीयत लिखी है.
आखिर क्यों बलबीर गिरि के नाम पर कर दी वसीयतबलवीर गिरि इस समय निरंजनी अखाड़े के उप महंत हैं और हरिद्वार स्थित बिल्केश्वर महादेव मंदिर की व्यवस्था का संचालन करते हैं. महंत नरेंद्र गिरि जब अपने शिष्य आनंद गिरि से नाराज हो गए थे तो उन्होंने जो 10 साल पूर्व वसीयत आनंद गिरि के नाम की थी उसको उन्होंने रद्द कर दिया था. आनंद गिरि के स्थान पर बलबीर गिरि के नाम पर वसीयत कर दी थी. बलवीर गिरि उत्तराखंड के ही निवासी हैं और 2005 में वे संत बने थे. बलवीर गिरि साल 2019 से हरिद्वार के बिल्केश्वर महादेव मंदिर की व्यवस्था देख रहे हैं, वे योग करते हैं.