आतंकी घटनाएं रोकने के लिए दिल्ली में हुई SCO देशों की बैठक, साइबर अटैक के समाधान पर भी हुआ मंथन
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भारत ने एससीओ और आरएटीएस के साथ अपने सुरक्षा-संबंधी सहयोग को गहरा करने में काफी गंभीरता दिखाई है. बता दें कि एससीओ में भारत, रूस, चीन, किर्गिज़ गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं.
भारत ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को रोकने के मकसद से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) देशों के संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास की मेजबानी की. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह आयोजन SCO की क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) की कार्यकारी समिति के सहयोग से नई दिल्ली में किया गया था.
एससीओ में भारत, रूस, चीन, किर्गिज़ गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं. बता दें कि भारत ने एससीओ और आरएटीएस के साथ अपने सुरक्षा-संबंधी सहयोग को गहरा करने में काफी गंभीरता दिखाई है. जो कि विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों से संबंधित है.
बयान में ये भी कहा गया है कि आतंकवाद विरोधी अभ्यास का उद्देश्य आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट के उपयोग को रोकना था. एससीओ सदस्य देशों के अधिकारियों ने आरएटीएस की कार्यकारी समिति के सहयोग से आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथियों के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को रोकने के लिए एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास किया.
इस मीटिंग का उद्देश्य एससीओ सदस्य देशों के इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों द्वारा साइबर अटैक का मुकाबला करने में एससीओ सदस्य देशों के सक्षम अधिकारियों के बीच बातचीत के स्तर को बढ़ाना भी था. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCM) की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने कहा कि एससीओ देशों की आतंकवाद विरोधी क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम था.
NSCM ने एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के लिए आतंकवादियों, अलगाववादी और चरमपंथी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट और नई सूचना प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का मुकाबला करने पर एक सेमिनार भी आयोजित किया.
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