आजादी का 75वां साल कैसे मनाएंगे? पीएम मोदी ने बताए ये 5 फैक्टर
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भारत की आजादी के 75 साल होने के अवसर पर कार्यक्रमों के लिए गठित 259 सदस्यीय उच्च स्तरीय राष्ट्रीय समिति की आज बैठक हुई जिसकी अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न में देश की आजादी के आंदोलन की भावना की झलक दिखनी चाहिए. इसमें 1947 से लेकर अब तक दुनिया के सामने अपनी उपलब्धियों को दिखाना चाहिए.
भारत की आजादी के 75 साल होने के अवसर पर कार्यक्रमों के लिए गठित 259 सदस्यीय उच्च स्तरीय राष्ट्रीय समिति की आज बैठक हुई, जिसकी अगुआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न में देश की आजादी के आंदोलन की भावना की झलक दिखनी चाहिए. इसमें 1947 से लेकर अब तक दुनिया के सामने अपनी उपलब्धियों को दिखाना चाहिए. इसके लिए जन भागीदारी जरूरी है. पीएम मोदी ने बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल का यह पर्व एक ऐसा होना चाहिए जिसमें स्वाधीनता संग्राम की भावना और उसके त्याग का साक्षात अनुभव हो सके. पीएम ने कहा कि हमारे देश का शायद ही कोई ऐसा स्थान हो, कोई ऐसा कोना हो जहां से किसी न किसी भारत माता के बेटे-बेटी ने अपना बलिदान नहीं दिया हो. उन सबके बलिदान, उनकी कहानियां भी जब देश के सामने आएंगी तो वो अपने आप में बहुत बड़ी प्रेरणा का स्रोत होने वाला है.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.