आईसीजे के भारतीय जज ने रूस के ख़िलाफ़ वोट दिया, विदेश मंत्रालय ने कहा- उनका निजी मत
The Wire
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने बीते 16 मार्च रूस को आदेश दिया था कि वह यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध रोके. अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने समर्थन किया था, जबकि दो ने इसके ख़िलाफ़ मतदान किया था. भारत से न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के ख़िलाफ़ मतदान किया था.
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने बीते बृहस्पतिवार (17 मार्च) को कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में न्यायाधीश निजी तौर पर वोट देते हैं. मंत्रालय की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारतीय न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत में रूस के खिलाफ मतदान किया था.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने बुधवार (16 मार्च) को रूस को आदेश दिया था कि वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध रोके और कीव के आग्रह को मंजूरी दी थी.
अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने समर्थन किया था, जबकि दो ने इसके खिलाफ मतदान किया था. आदेश के खिलाफ मतदान करने वालों में रूस से उपाध्यक्ष किरिल जेवोर्गियन और चीन से न्यायाधीश शीउ हांगिन शामिल हैं. भारत से न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ मतदान किया था.
इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि वे निजी तौर पर वोट देते हैं और वे गुण-दोष के आधार पर वोट देते हैं. उन्होंने कहा कि आईसीजे में न्यायाधीश कैसे वोट करते हैं, इसके बारे में टिप्पणी करना उपयुक्त नहीं है.