
आईएमए ने किया आयुष इंटर्नशिप का विरोध, कहा- अनावश्यक और मिक्सोपैथी का प्रयास
The Wire
नेशनल चिकित्सा आयोग द्वारा लाए गए अनिवार्य इंटर्नशिप के मसौदा नियम, 2021 के अनुसार एमबीबीएस छात्रों के लिए बारी-बारी से प्रशिक्षण के कार्यक्रम में एक सप्ताह का प्रशिक्षण किसी भारतीय चिकित्सा पद्धति या आयुष की किसी एक विधा में होना चाहिए. आईएमए ने इसे हटाने की मांग करते हुए ग़ैर ज़रूरी बताया है.
नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने मेडिकल प्रशिक्षुओं (मेडिकल इंटर्न) की आयुष औषधि में एक हफ्ते की वैकल्पिक तैनाती का प्रावधान ‘कम्प्लसरी रोटेटिंग इंटर्नशिप’ के लिए मसौदे नियमन से हटाने की मांग करते हुए इसे ‘अनावश्यक’ और ‘मिक्सोपैथी’ शुरू करने की कोशिश बताया. @IMAIndiaOrg sends Observations on draft regulation for compulsory Rotating Internship 2021, placed into the public domain for opinion by National Medical Commission New Delhi. (IMA has written to Chairman @NMC_IND Dr. Suresh Sharma in this regard) pic.twitter.com/a63kpGzBus नेशनल चिकित्सा आयोग (एनएमसी) इंटर्नशिप पर एक मसौदा नियमन लेकर आया है जिसमें कहा गया है कि औषधि या आयुष की किसी भी भारतीय प्रणालियों में एक हफ्ते का प्रशिक्षण चक्रीय कार्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए. — Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) July 15, 2021 एनएमसी को लिखे पत्र में आईएमए ने आगाह किया कि औषधि की एक अन्य प्रणाली में एक हफ्ते के प्रशिक्षण से केवल ऐसे ‘मिक्सोपैथ’ का मार्ग प्रशस्त होगा जो अच्छी तरह से सुनियोजित नहीं है और यह देश के लिए विनाशकारी है. चिकित्सा संघ ने इस प्रावधान को हटाने की मांग की और कहा कि इसके स्थान पर जैव नीतिशास्त्र के साथ फैमिली मेडिसिन में एक या दो हफ्ते की तैनाती दी जा सकती है.More Related News