'आंसू गैस के गोले के जवाब में किसानों ने मिर्च पाउडर डालकर जलाई पराली', पुलिस का दावा-12 जवान घायल
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किसानों ने पुलिस से बचने के लिए एक नया तरीका अख्तियार किया है. पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर के पास हजारों की तादाद में पराली के ढेर लगाए गए हैं. किसान खेतों से पराली निकालकर उन्हें खनौरी बॉर्डर के पास जला रहे हैं. हवा की बहाव हरियाणा की तरफ है तो ऐसे में पराली से होने वाला प्रदूषण पुलिस के लिए जी का जंजाल बन चुका है.
किसानों की सरकार के साथ चौथे दौर की वार्ता असफल होने के बाद किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के लिए कमर कस ली है. भारी तादाद में किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में हरियाणा पुलिस आंसू गैस के गोलों के साथ उन्हें रोकने में जुटी है. लेकिन इस बीच किसानों ने पुलिस से बचने के लिए एक नया तरीका अख्तियार किया है.
पंजाब को हरियाणा से जोड़ने वाले खनौरी बॉर्डर (Khanauri Border) के पास हजारों की तादाद में पराली के ढेर लगाए गए हैं. किसान खेतों से पराली निकालकर उनमें मिर्च पाउडर डालकर खनौरी बॉर्डर के पास जला रहे हैं. ऐसे में हवा का बहाव हरियाणा की तरफ होने से ये धुंआ सुरक्षाकर्मियों के लिए जी का जंजाल बन चुका है.
इंडिया टुडे ने इस पूरी घटना को कैमरे में रिकॉर्ड करना चाहा लेकिन किसानों की भीड़ ने ऐसा करने से रोक दिया. एक तरफ पुलिस आंसू गैस के गोले दाग रही है तो वहीं किसान पराली जला रहे हैं. इससे बॉर्डर पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.
किसानों के हमले में 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल
हरियाणा पुलिस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को किसान आंदोलन के दौरान दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर आग लगा दी. इसके साथ ही पुलिस का चारों तरफ से घेराव किया. पुलिस पर पथराव के साथ-साथ लाठी से हमला किया गया. गंडासे का भी इस्तेमाल करते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया.
उन्होंने बताया कि इस पराली में मिर्च पाउडर डालकर जलाने से जहरीली धुएं से पुलिस के साथ-साथ आसपास के लोग भी परेशान हैं. किसानों के हमले में लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. हमारी प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की. क्योंकि जहरीले धुएं से विजिबिलिटी कम हो जाती है और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कत होती है.
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